Nepal Violence: नेपाल में Gen-Z हिंसा में फंसे भारतीय दंपती की डरावनी कहानी, आपबीती सुनकर कांप जाएगी रूह

Published : Sep 12, 2025, 12:34 PM IST
Nepal violence 4th day photo

सार

Nepal Violence: नेपाल की राजधानी काठमांडू में भड़की हिंसा ने गाजियाबाद के एक परिवार की खुशियां छीन लीं। पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए रामवीर सिंह गोला और उनकी पत्नी राजेश गोला एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए।

Nepal Violence: नेपाल की राजधानी काठमांडू में दंगे और हिंसा के दौरान गाजियाबाद के एक दंपती के साथ बड़ा हादसा हो गया। 7 सितंबर को रामवीर सिंह गोला अपनी पत्नी राजेश गोला के साथ पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। लेकिन यात्रा के दौरान हालात अचानक हालात बिगड़ गए। हिंसक घटना के बीच जिस होटल में दंपती ठहरे हुए थे वहां आग लगा दी। आग से बचने की कोशिश में 55 साल के राजेश गोला की मौके पर मौत हो गई जबकि उनके पति गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा अचानक एक दर्दनाक त्रासदी में बदल गई।

हिंसा में हमेशा के लिए बर्बाद हुआ परिवार

दंपती काठमांडू के होटल हयात रीजेंसी में रूके थे। 9 सितंबर की रात अचानक प्रदर्शनकारियों ने होटल को घेर लिया और उसमें आग लगा दी। जैसे-जैसे आग फैलती गई अंदर अफरा-तफरी मच गई। फायर ब्रिगेड और अधिकारियों ने लोगों को निकालने की कोशिश की लेकिन हालात काबू से बाहर हो गए। जान बचाने के लिए रामवीर सिंह गोला और उनकी पत्नी राजेश चौथी मंजिल से कूद गए। इसमं दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। इस अफरातफरी में पति-पत्नी एक-दूसरे से बिछड़ गए। बाद में जब रामवीर राहत शिविर पहुंचे तो पता चला कि उनकी पत्नी राजेश की मौत हो चुकी है। यह घटना नेपाल में हो रही हिंसा की एक ऐसी खौफनाक तस्वीर दिखाती है, जिसने एक परिवार की जिंदगी हमेशा के लिए बर्बाद कर दी।

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मंदिर दर्शन के लिए नेपाल गए थे दंपति

राजेश के बेटे विशाल गोला ने रोते हुए कहा कि उनके माता-पिता सिर्फ मंदिर दर्शन के लिए नेपाल गए थे। आगे उसने भावुक होते हुए कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि यह सफर उनकी मां की आखिरी यात्रा बन जाएगा। उन्होंने कहा, "भीड़ ने इतने बड़े होटल को भी नहीं छोड़ा। अगर मेरे माता-पिता साथ रहते तो शायद मां आज जिंदा होतीं। चौथी मंजिल से कूदने पर मां बुरी तरह घायल हो गई थीं, लेकिन सबसे बड़ा झटका उन्हें अकेले छोड़ दिए जाने से लगा। इसी सदमे में मां की मौत हो गई।" परिवार का कहना है कि उन्हें नेपाल में भारतीय दूतावास से भी उन्हें मदद नहीं मिली। उनका आरोप है कि जब दूतावास खुद सुरक्षित नहीं था तो उन्होंने हमारी मदद करने से मना कर दिया। किसी तरह परिवार राजेश का शव आज रात गाजियाबाद ला रहा है।

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