भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर, अमेरिकी रिपोर्ट में अफगानिस्तान-पाकिस्तान से तुलना, MEA ने किया खारिज

USCIRF report अमेरिकी धार्मिक रिपोर्ट में भारत भी अफगानिस्तान व पाकिस्तान जैसे देशों की कतार में खड़ा कर दिया गया है। यहां मुसलमानों व ईसाइयों की धार्मिक स्वतंत्रता के हनन पर चिंता जताई गई है। हालांकि, MEA ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 2, 2022 2:08 PM IST / Updated: Jul 02 2022, 07:43 PM IST

नई दिल्ली। भारत (India) ने अमेरिकी सरकार (US Government) के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की रिपोर्ट को खारिज करते हुए उसे पक्षपातपूर्ण और गलत बताया है। रिपोर्ट में भारत को चीन (China), अफगानिस्तान (Afghanistan) व पाकिस्तान (Pakistan) जैसे 11 देशों के साथ रखा गया है जहां धार्मिक स्वतंत्रता बेहद चिंताजनक स्थिति में है। आयोग ने बिडेन प्रशासन को ऐसे देशों को विशेष चिंता वाले देशों के रूप में लिस्टेड करने की सिफारिश की थी। अमेरिका की इस रिपोर्ट को भारत ने प्रेरित एजेंडा वाला और देश की बहुलता की समझ की कमी का आरोप लगाया है।

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट पर जारी किया बयान

विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा,'हमने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) द्वारा भारत पर पक्षपातपूर्ण और गलत टिप्पणियों को देखा है। ये टिप्पणियां भारत और इसके संवैधानिक ढांचे, इसकी बहुलता और इसके लोकतांत्रिक लोकाचार की गंभीर कमी को दर्शाती हैं।' 

प्रवक्ता ने कहा कि अफसोस की बात है कि USCIRF अपने प्रेरित एजेंडे के अनुसरण में अपने बयानों और रिपोर्टों में बार-बार तथ्यों को गलत तरीके से पेश करता है। इस तरह की कार्रवाइयां केवल संगठन की विश्वसनीयता और निष्पक्षता के बारे में चिंताओं को मजबूत करने का काम करती हैं।

विशेष चिंता वाले देशों में भारत भी

जून में जारी रिपोर्ट में भारत, चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और 11 अन्य देशों को धार्मिक स्वतंत्रता के संदर्भ में विशेष चिंता वाले देशों में शामिल किया गया था। आयोग ने बिडेन प्रशासन को इन देशों को विशेष चिंता वाले देशों में शामिल करने की सिफारिश की थी। हालांकि, सिफारिशें अमेरिकी सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं हैं। USCIRF आयुक्त अनुरीमा भार्गव ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार के अधिकारी मुसलमानों और ईसाइयों के धार्मिक उत्पीड़न की अनदेखी कर रहे हैं और इस उत्पीड़न व हिंसा में भीड़ शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:

मोहम्मद जुबैर केस में ईडी की एंट्री: 4000 से अधिक खातों से 55 लाख रु. से अधिक हुए ट्रांसफर!

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की 5 दिनों की पुलिस कस्टडी, जानें 2018 के ट्वीट पर अब क्यों हुआ एक्शन

Share this article
click me!