यह एक्सप्रेसवे मार्च तक तैयार हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के कारण दोनों शहरों की दूरी काफी कम समय में तय हो सकेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्वयं इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा और मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
Bengaluru-Chennai expressway: देश की चार मेट्रो सिटीज को एक-एक एक्सप्रेसवे मिलने जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे से इन मेट्रो सिटीज की दूरियां कम समय में तय हो सकेंगी। मार्च तक साउथ के दो मेगा शहरों को जोड़ने वाली आठ लेन की एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे की एवरेज स्पीड अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है ताकि इस पर चलने वालों को सेफ राइड भी मिल सके।
इन दो एक्सप्रेस से कम हो जाएगी दूरियां
दरअसल, केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे और बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे का प्रोजेक्ट लांच किया गया है। दिल्ली और मुंबई एक्सप्रेसवे से दोनों शहरों के बीच की दूसरी बेहद कम समय पर तय होगी तो इसी तरह बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे को भी बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे मार्च तक तैयार हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के कारण दोनों शहरों की दूरी काफी कम समय में तय हो सकेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्वयं इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा और मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
कितनी लागत से बनेगी बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे?
बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे, 16 हजार 730 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 262 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे 8 लेन का होगा। एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय किया गया है। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, पहले बेंगलुरु से चेन्नई के बीच की दूरी 300 किलोमीटर हुआ करती थी। नई सड़क 262 किलोमीटर की दूरी कम कर देगी।
फ्यूल फ्रेंडली सड़क से मिलेगी दोनों शहरों की आर्थिक गतिविधियों को गति
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे से दोनों शहरों को काफी लाभ होगा। यह सड़क फ्यूल फ्रेंडली होगी यानी इस पर चलने वालों को ईंधन का कम खपत करना पड़ेगा। दूसरा यह कि इस एक्सप्रेसवे से दोनों की आपसी आर्थिक गतिविधियों को गति मिल सकेगी। सड़क व्यापार और कामर्स को बढ़ावा देगी क्योंकि यह कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में औद्योगिक केंद्रों को चेन्नई बंदरगाह से जोड़ेगी। दरअसल, गडकरी ने हाल ही में वादा किया था कि साल 2024 के अंत तक भारत की सड़कें संयुक्त राज्य अमेरिका के बराबर हो जाएंगी।
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