अब से 'राष्ट्रीय युद्ध स्मारक' पर जलेगी अमर जवान ज्योति, इस कारण किया जा रहा विलीन; भ्रम से बचें और सच जानें

इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति(Amar Jawan Jyoti) अब से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक  (National War Memorial) पर जलेगी। यानी इसे आज स्मारक मे जल रही लौ में विलय कर दिया जाएगा। इसे 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की श्रद्धांजलि के तौर पर देखा जाता है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 21, 2022 3:34 AM IST / Updated: Jan 21 2022, 01:59 PM IST

नई दिल्ली. इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति(Amar Jawan Jyoti News) अब से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पर जलेगी। यानी इसे स्मारक में जल रही लौ में विलय कर दिया जाएगा। सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी कि शुक्रवार को इसे शिफ्ट किया जा रहा है। शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे एक समारोह में इसकी लौ को वॉर मेमोरियल की ज्योति में मिला दिया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक इंडिया गेट से महज 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश को सौंपा था। यहां 25942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं। कहते हैं कि ये 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से ये ज्योति जल रही है। हालांकि यह पूरा सच नहीं है। 

जानिए पूरा सच

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भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार इस संबंध में गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं। अमर जवान ज्योति की लौ बारे में गलत सूचनाएं प्रसारित हो रही हैं। अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं जा रही है, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्मारक में विलीन किया जा रहा है। दरअसल, इंडिया गेट पर केवल कुछ शहीदों के नाम अंकित हैंं, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी। यानी इस प्रकार यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है। 1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों के सभी भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं। इसलिए यहां अमर जवान ज्योति का जलना शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है। ये विडंबना ही है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हंगामा कर रहे हैं जब युद्धों में जान गंवाने वाले हमारे भारतीय जवानों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि दी जा रही है।

शाश्वत ज्वाला का विलय(MERGING OF ETERNAL FLAME)
रिटायर्ड आर्मी जनरल सतीश दुआ (Lt Gen Satish Dua) ने tweet करके लिखा-मुझे इस बात का बहुत संतोष है कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की शाश्वत(अमर) ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (NWM) में मिलाया जा रहा है। इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए वीरों का स्मारक है। अमर जवान ज्योति को 1972 में जोड़ा गया, क्योंकि हमारे पास दूसरा स्मारक नहीं था। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्वतंत्रता के बाद शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देता है। सभी श्रद्धांजलि समारोह पहले ही NWM में स्थानांतरित हो चुके थे।

सीनियर जर्नलिस्ट रजत पंडित ने tweet किया कि प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति या शाश्वत लौ(eternal flame) शुक्रवार को 50 साल बाद बुझ जाएगी और इस साल गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (NWM) की लौ में विलय हो जाएगी। इसके जवाब में शौर्य चक्र विजेता रिटायर्ड कर्नल डीपीके पिल्लई(Col DPK Pillay) ने लिखा-
यह भारत का युग आ रहा है। प्रथम विश्व युद्ध की स्मृति में जलाई गई इस लौ ने उन भाड़े के सैनिकों को सम्मानित किया, जो एक युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़े थे, जिसका उपनिवेश भारत के लिए कोई मतलब नहीं था। स्वतंत्र भारत के युद्धों के लिए NWM  में जल रही लौ भारतीय सैनिकों को सम्मानित करने का उचित स्थान है। 

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इंडिया गेट के बारे में जानें
नई दिल्ली के केंद्र में 42 मीटर ऊंचा इंडिया गेट है। यह उन 70,000 भारतीय सैनिकों को शहादत को याद दिलाता है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए अपनी कुर्बानी दी थी। स्मारक में 13,516 से अधिक ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के नाम हैं, जो पश्चिमोत्तर सीमांत अफगान युद्ध 1919 में शहीद हुए थे। दरअसल, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों की देश को याद दिलाने के लिए मेहराब के नीचे एक अनंत ज्योति(अमर ज्योति) भी जलाने की परंपरा शुरू हुई थी। 

कांग्रेस ने जताया विरोध
हालांकि इस फैसले को लेकर विपक्षी पार्टियों की राय विरोधाभासी है। राहुल गांधी ने एक tweet करके लिखा-बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे! कांग्रेस नेता लालजी देसाई ने tweet करके कहा कि 'इंडिया गेट पर प्रज्वलित अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय करना अत्यंत दुखद है। ये उन वीर शहीदों का अपमान है जो 1971 में भारत पाक युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। बता दें कि 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजाद कराया था। इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी, 1972 को अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया था।

बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।

कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…
हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!

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