सार
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इसके अक्तूबर 2022 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद थी। लेकिन अब समय सीमा बढ़ा दी गई है।
नई दिल्ली। नई संसद (New Parliament) के बजट में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है। नए संसद भवन के लिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) की लागत में 29 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। दिसंबर 2020 में हुए इस परियोजना के उद्घाटन के एक साल बाद इसकी लागत को बढ़ा दिया गया है। टाटा प्रोजेक्ट्स सेंट्रल विस्टा का काम करा रहा है। बताया जा रहा है कि यह परियोजना करीब चालीस प्रतिशत तक पूरी हो चुकी है।
कितने की थी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
नए संसद भवन के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए सेट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को 977 करोड़ रुपये में पूरा करने की स्वीकृति मिली थी। इस बजट की लागत में अब 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। अब करीब 282 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट लागत में बढ़ा दिया गया है।
संसद भवन 64500 स्क्वायर मीटर एरिया में
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण 971 करोड रुपये की अनुमानित लागत से 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव था। इस प्रोजेक्ट में चार मंजिला राष्ट्रपति भवन का भी निर्माण शामिल है। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
नई इमारत में ज्यादा सांसदों के लिए जगह होगी, क्योंकि परिसीमन के बाद लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है। करीब 1400 सांसदों के बैठने की जगह होगी। इसमें लोकसभा के लिए 888 (वर्तमान में 543) और राज्यसभा के लिए 384 ( वर्तमान में 245) सीट होगी।
अक्तूबर तक समय सीमा थी निर्धारित लेकिन अब बढ़ी
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इसके अक्तूबर 2022 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद थी। लेकिन अब समय सीमा बढ़ा दी गई है। क्योंकि कोविड महामारी की वजह से कार्य धीमा हुआ है। हालांकि, कोविड के कारण सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
हर सांसद के लिए एक ऑफिस होगा संसद में
प्रत्येक संसद सदस्य के पास पुनर्विकसित श्रम शक्ति भवन में 40 वर्ग मीटर का कार्यालय स्थान होगा, जो 2024 तक पूरा हो जाएगा। नई इमारत देश भर के कारीगरों और मूर्तिकारों के योगदान के साथ देश की गौरवशाली विरासत को भी प्रदर्शित करेगी।
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