भड़काऊ भाषण मामला : गांधी परिवार और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई

याचिका में कथित घृणा भाषणों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का अनुरोध भी किया गया है।गुरूवार को कुछ नेताओं के कथित नफरत भरे भाषणों के संबंध में अनेक याचिकाएं दाखिल की गयीं।इनमें से हिंदू सेना की ओर से दायर एक याचिका में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भी घृणा भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की गई।

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2020 4:54 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा तथा अन्य के लिए खिलाफ कथित रूप से घृणा भाषण देने के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है।

पीठ ने याचिका को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी

लॉयर्स वॉइस की याचिका गुरूवार को मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष आई। पीठ ने इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी। याचिका में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप विधायक अमानतुल्ला खान, मुंबई से एआईएमआईएम के पूर्व विधायक वारिस पठान तथा एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भी कथित तौर पर घृणा भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में भाषणों की जांच के लिए SIT गठन का भी किया गया है अनुरोध

याचिका में कथित घृणा भाषणों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का अनुरोध भी किया गया है।गुरूवार को कुछ नेताओं के कथित नफरत भरे भाषणों के संबंध में अनेक याचिकाएं दाखिल की गयीं।इनमें से हिंदू सेना की ओर से दायर एक याचिका में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भी घृणा भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की गई।

याचिका में वारिस पठान के भाषण का भी जिक्र है

याचिका में एआईएमआईएम के पूर्व विधायक वारिस पठान पर कथित घृणा भाषण देने का आरोप लगाते हुए दावा किया गया कि उनके बयान से ही दिल्ली में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ, जिनमें कई लोगों की जान गई।

उच्च न्यायालय शुक्रवार को घायलों और मृतकों के लिए अस्पतालों के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने की मांग वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई कर सकता है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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