सद्गुरू ने कहा- 'इंटरप्रेन्योरशिप जीविकोपार्जन का ही नहीं बल्कि यह जीवन बदलने का तरीका है'

Published : Nov 24, 2023, 03:34 PM ISTUpdated : Nov 24, 2023, 03:35 PM IST
SADHGURU

सार

सद्गुरू अकादमी द्वारा ईशा योग केंद्र कोयंबटूर में वार्षिक कार्यक्रम इनसाइट-डीएनए ऑफ सक्सेस का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का कॉनसेप्ट सद्गुरू ने ही तैयार किया है। यह कार्यक्रम का 12वां संस्करण है। 

Sadhguru INSIGHT: DNA of Success. इनसाइट: डीएनए ऑफ सक्सेस के 12वें संस्करण में सद्गुरू ने कहा कि उद्यमिता सिर्फ जीविकोपार्जन का दूसरा तरीका नहीं बल्कि यह कि जीवन बनाने का भी दूसरा तरीका है। सफल उद्यमी होने की पहचान पर अपनी बात कहते हुए सद्गुरू ने कहा कि उद्यमिता का मतलब यह नहीं है कि आप यह देखें कि कम कैसे किया जाए बल्कि यह देखें कि इसे अधिक कैसे करें। चार दिनों तक चलने वाले इस बिजनेस इंसेटिव कार्यक्रम में करीब 250 से अधिक बिजनेसमैन और इंडस्ट्रियल लीडर्स हिस्सा ले रहे हैं।

18 देशों के प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा

इनसाइट का यह संस्करण उभरते भारत में खिलना थीम पर आधारित है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य उद्यमियों और इंडस्ट्री लीडर्स को देश के असंख्य अवसरों की पहचान कराना है। भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और यहां हजारों अवसर रोज सामने आ रहे हैं। इस प्रोग्राम को इसी थीम पर तैयार किया गया है और इसी का नतीजा है कि 12वें संस्करण में 18 देशों के प्रतिभागी भी हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रमुख तक केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर शामिल रहे। इनके अलावा ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल, भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.कृष्णा एला, विनीता हेल्थ के विनोद के दासारी, एजिलिटास स्पोर्ट्स के संस्थापक सीईओ अभिषेक गांगुली और कैरेटले के संस्थापक एमडी मिथुन सचेती प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं।

सद्गुरू ने शेयर किया यह मैसेज

कार्यक्रम के दौरान सद्गुरू ने कहा कि हम बहुत लंबे समय से बहुत ही उज्ज्वल और शानदार सभ्यता के गवाह रहे हैं। कुछ सौ साल पहले दुनिया का 25 प्रतिशत उत्पाद इसी भूमि से निर्मित होता था। सद्गुरु ने कुछ शताब्दियों पहले वैश्विक व्यापार पर भारत के प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उस समय के अधिकांश खोज करने वाले भारत की खोज के लिए रवाना हुए क्योंकि यह पूरे प्लैनेट पर सबसे समृद्ध भूमि थी। सद्गुरु ने कहा कि संस्कृति के इस पहलू को पुनर्जीवित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि उद्यमिता को केवल जीविकोपार्जन के दूसरे तरीके के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह जीवन बनाने का सबसे बढ़िया तरीका है। हमारे पास यही विकल्प है। या तो आप सिर्फ जीविकोपार्जन करें या इससे अपना जीवन बनाएं।

INSIGHT 2023 में आगे क्या होगा

सद्गुरू अकादमी द्वारा आयोजित INSIGHT 2023 कार्यक्रम में अगले तीन दिनों तक बिजनेस लीडर्स और सद्गुरु के बीच कई सेशंस का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान प्रतिभागियों को अवसर की पहचान और उससे आगे बढ़ने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।

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