हम जिसकी मदद कर रहे थे, उसी ने धोखे से संक्रमित कर दिया...जानें 26 साल की शगुन ने कैसे कोरोना को हराया?

घर के 5 लोग कोरोना संक्रमित थे। सिर्फ पापा को कुछ नहीं हुआ था, जबकि पापा ही इकलौते ऐसे शख्स थे, जो ड्यूटी के लिए लगातार घर से बाहर रहते थे। एक अच्छी बात ये रही कि कोरोना के लक्षण दिखने के बाद से ही रिपोर्ट भले न आई हो, लेकिन सभी आइसोलेट हो गए थे।

लखनऊ. कोरोना महामारी की दूसरी लहर का पीक प्वॉइंट खत्म हो चुका है। रोजोना के केस में कमी आने लगी है। लेकिन जिस तरह से संक्रमण ने लोगों को डराया, वो शायद ही इंसान कभी भूले। कोरोना से लड़ने के दौरान कई कहानियां ऐसी हैं जो सीख देती है। बताती हैं कि किस तरह से विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। ऐसी ही एक कहानी लखनऊ में रहने वाली शगुन की है। जो पहले खुद संक्रमित हुई फिर एक-एक कर चारों भाई बहन और मां भी संक्रमित हो गए। लेकिन उन्होंने बड़ी हिम्मत से इस बीमारी का मुकाबला किया।  

Asianetnews Hindi के विकास कुमार ने शगुन से बात की। 26 साल की शगुन ने घर पर रहकर कैसे वायरस को हराया। इस दौरान इन्होंने जो कुछ देखा, जो महसूस किया वो सीख देने वाला है। इस कड़ी में उन्हीं के बारे में बताते हैं... 

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'पहले टीवी पर सुनती थी, कोरोना संक्रमण फैला है'
मैं शगुन उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हूं। पहले तो सिर्फ टीवी और सोशल मीडिया पर ही कोरोना संक्रमण को हो-हल्ला सुना था। दिन भर कोरोना की ही खबर देखती रहती। लोगों को अनुभव और लक्षण के बारे में पढ़ा और सुना करती। लेकिन जब खुद संक्रमित हुई तो असली दर्द समझ पाई। 

'सबसे पहले स्वाद और गंध चली गई, तो मुझे शक हुआ'
कोरोना महामारी के बारे में ये पता था कि सर्दी -खांसी और बुखार मुख्य लक्षण हैं। लेकिन मेरे साथ थोड़ा अलग हुआ। मैं बिल्कुल ठीक थी, लेकिन खाने के टेस्ट ही खत्म होने लगा। मम्मी से कहती थी कि खाना फीका क्यों लग रहा है? फिर सूंघने की क्षमता भी कम होती गई। तब शक हुआ कि मुझे कोरोना हुआ है। लेकिन कन्फर्म करने के लिए टेस्ट जरूरी था।

'एक वक्त था, जब घर में सब बहुत बुरी तरह डर गए थे'
एक-दो दिन यहां-वहां बात करने में ही बीत गए कि मुझे ये लक्षण लग रहे हैं। 48 घंटे भी नहीं बीते होंगे कि मेरी दो बहनों और भाई को भी खाने का स्वाद आना कम हो गया। फिर तो घर में सभी डर गए। मां-पापा बहुत परेशान हो गए। फिर सब ने फैसला किया कि सभी 6 सदस्यों का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाए। इंटरनेट से नंबर निकाला और सेंपल लेने के लिए कॉल किया।

'सभी 6 लोगों को सेंपल ले गया, 3 दिन बाद रिपोर्ट आई'
घर के सभी 6 लोगों का सेंपल दे दिया गया। 3 दिन बाद रिपोर्ट आई। रिपोर्ट देखकर और भी ज्यादा परेशान हो गए। घर के 5 लोग कोरोना संक्रमित थे। सिर्फ पापा को कुछ नहीं हुआ था, जबकि पापा ही इकलौते ऐसे शख्स थे, जो ड्यूटी के लिए लगातार घर से बाहर आ- जा रहे थे।

'कोरोना टेस्ट कराने से पहले ही हम आइसोलेट हो गए थे'
हम भाई-बहनों ने एक सावधानी बरती कि जब स्वाद आना कम होने लगा तो हम सभी 5 लोग 5 अलग-अलग कमरों में पहले ही आइसोलेट हो गए। पापा खाना बनाकर अलग-अलग देते थे। रिपोर्ट आई तो कोरोना के बाकी प्रोटोकॉल फॉलो करना शुरू कर दिया।

'14-18 दिनों तक पापा ही खाना बनाकर सभी को देते थे'
14 से 18 दिनों तक घर के सभी 5 लोग 5 अलग-अलग कमरों में थे। इस दौरान इकलौते पापा ही सभी को खाना बनाकर देते थे। हम लोगों को डर इस बात का था कि कहीं पापा संक्रमित न हो जाए। हालांकि उन्हें कुछ नहीं हुआ।

'दिन में 5 बार भाप और काढ़ा खूब लिया'
दिन में 4 से 5 बार भाप लेते थे। काढ़े से भी काफी मदद मिली। वहीं तीन टाइम का खाना फिक्स समय पर मिल जाता था। हालांकि पापा को अकेले काम करता देख अच्छा नहीं लगता था, लेकिन वक्त ही ऐसा था कि सबसे पहले हम सभी को ठीक होना था।

'सबके मन में एक ही सवाल था, हम कैसे संक्रमित हुए'
बात 2 मई की है, जब हमारी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रिपोर्ट देखकर सभी के मन में एक ही सवाल था कि हम संक्रमित कैसे हुए। हालांकि दो दिनों बाद इसका जवाब मिल गया, जब पता चला कि हमारे घर के ऊपर वाले फ्लोर पर एक हफ्ते से एक व्यक्ति संक्रमित है।

फिर याद आया कि एक रात वह किसी काम से हमारे पास आया था, तब उसने कुछ सामान मांगा था। हम भी सामान्य मानकर उसके साथ सामान्य व्यवहार कर रहे थे। हमें नहीं पता था कि उसे कोरोना है। वहीं से हम भी संक्रमित हुए।

 

 

'कोरोना के दौरान 3 सीख हमेशा याद रहेगी'
आज हम सभी भाई-बहन और मां कोरोना से ठीक हो गए हैं। लेकिन इस दौरान कुछ सीख जिंदगी भर नहीं भूलेगी। पहली सीख तो ये कि घर पर भी मास्क लगाकर रहना चाहिए। अगर हम भी मास्क लगाकर रहते तो हम बच जाते। दूसरा कि संक्रमित नहीं हैं तो भी लगातार काढ़ा पीते रहें। ये सामान्य दिनों में भी सर्दी-खांसी से बचाता है। तीसरा कि कोरोना में जितना ज्यादा हो सके, बाहर जाने से बचें। इस महामारी में खुद को और परिवार को सुरक्षित रखने का यही सबसे बेहतर तरीका है।

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे।#ANCares #IndiaFightsCorona

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