इसरो के सोलर मिशन आदित्य एल1 (ISRO Solar Mission Aditya L1) ने पृथ्वी की दूसरी कक्षा में सफलतापूर्वक बदलाव पूरा कर लिया है और वह लैंग्रेज प्वाइंट की तरफ बढ़ चला है।
ISRO Solar Mission. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आदित्या एल1 की लेटेस्ट अपडेट जारी की है। एजेंसी के अनुसार आदित्य एल1 ने पृथ्वी की दूसरी कक्षा में सफलतापूर्वक बदलाव कर लिया है। आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी के लैंग्रेज प्वाइंट एल1 के चारों तरफ सौरमंडल और सूर्य का अध्ययन करेगा। यह प्वाइंट धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित है।
अगली कक्षा को कब पार करेगा आदित्य एल1
इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसरो के अनुसार आदित्य एल1 अगली कक्षा को 10 सितंबर 2023 को करीब 2.30 बजे पार करेगा। इसरो ने बताया कि मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में इस्ट्रैक/इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने इस ऑपरेशन के दौरान उपग्रह को ट्रैक किया। इससे पहले आदित्य एल1 ने पृथ्वी की पहली कक्षा को 3 सितंबर को सफलतापूर्वक पार किया था।
127 दिनों के बाद लैंग्रेज प्वाइंट पर पहुंचेगा आदित्य एल1
इसरो की लेटेस्ट जानकारी के अनुसार यह स्पेस क्राफ्ट लैग्रेंज बिंदु L1 की कक्षा में स्थापित होने से पहले दो और पृथ्वी-कक्षीय प्रक्रिया से गुजरेगा। इसके करीब 127 दिनों के बाद आदित्य एल1 के लैंग्रेज प्वाइंट तक पहुंच जाएगा।
कब लांच किया गया आदित्य एल1
इसरो ने 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 को लांच किया था। यह मिशन सौरमंडल और सूर्य का अध्ययन करने के लिए लांच किया गया है।
क्या होता है लैंग्रेज प्वाइंट
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी और सूर्य के बीच पांच लैग्रेंजियन पॉइंट यानि पार्किंग एरिया हैं। जहां पर कोई छोटी वस्तु रखने पर वह वहीं रुक जाती है। लैग्रेंज पॉइंट्स का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है।
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