सूरज से जुड़े गहरे राज खोलेगा स्पेस एजेंसी ISRO का ये नया मिशन, इसी साल होना है लॉन्च

सूर्य को कौन नहीं जानता? कोई भगवान कहता है, तो कोई आग में धधकता आग का गोला या विज्ञान के लिए एक ब्राइटेस्ट स्टार है। ऐसे में इसरो अपने नए मिशन को लेकर चर्चा में है। भारत का आदित्य एल-1 मिशन पर लगा 90 किलो का पेलोड जल्द इस ग्रह से जुड़े राज खोलेगा।

नई दिल्ली. सूर्य को कौन नहीं जानता? कोई भगवान कहता है, तो कोई आग में धधकता आग का गोला या विज्ञान के लिए एक ब्राइटेस्ट स्टार है। ऐसे में इसरो अपने नए मिशन को लेकर चर्चा में है। भारत का आदित्य एल-1 मिशन पर लगा 90 किलो का पेलोड जल्द इस ग्रह से जुड़े राज खोलेगा। बताया जा रहा है कि यह ऐसे राज खोलेगा जिसे पहले कभी नहीं देखा होगा।

क्या है इसरो का मिशन?
भारत की इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन जल्द अपने मिशन को लॉन्च करेगा। इस मिशन का नाम आदित्य एल-1 रखा गया है। इस मिशन में एक यंत्र का उपयोग किया जा रहा है, जो सूरज से जुड़े राज खोलेगा। इसरो ने आदित्य एल-1 मिशन में मिलने के लिए गणतंत्र दिवस पर विजिबल लाइन एमिशन कोरोनाग्राफ रिसीव किया है। इसके बाद से यह मिशन लॉन्च के बेहद करीब आ गया है। कोरोनाग्राफ सबसे अच्छे उपकरणों में माना जाता है। जो आदित्य एल-1 मिशन में सबसे बड़ा यंत्र है। इसका उपयोग सूरज की इमेजिंग और स्पेक्टरोस्कोपी लेने में किया जाएगा।

Latest Videos

दरअसल, सूरज में दो परते होती हैं। इनमें एक आंतरिक परत और दूसरी बाहरी परत होती है। आंतरिक परत कोर, रेडियोटिव जोन और कन्वेक्शन जोन है। जबकि बाहरी परत में फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर, संक्रमण क्षेत्र और कोरोना होती है। असल में बाहरी परत को समझना ही सबसे बड़ी चुनौती है। वीएलईसी इसी पर फोकस करेगा।

इसके अलावा सूरज की कोरोनल मास इजेक्शन अंतरिक्ष में अरबो टन की सामाग्री बाहर निकालता है। यह अक्सर पृथ्वी से टकराती है और ट्रिगर करती है। कहा जाता है कि यह ग्रहों को नुकसान भी पहुंचाती है। यह इलाका साइंटिस्टों के लिए आज भी हैरानी और दिलचस्प का विषय बना हुआ है।

कोरोना इतना खास क्यों है?
वीईएलसी का मकसद डाटा इकट्ठा कर पता लगाना है कि कोरोना का तापमान एक मिलियन डिग्री पर कैसे पहुंच सकता है। जबकि सूर्य की सतह खुद 6 हजार डिग्री सेंट्रिग्रेड ऊपर रहती है। बता दें, साइंटिस्टों ने वीएलसी को इस तरह से तैयार किया है कि यह डिस्क लाइट को अलग करने और निकालने के लिए सोलार डिस्क को ढक लेता है। 

क्या है आदित्य एल-1 मिशन?
आदित्य एल-1 मिशन सू्र्य का निरीक्षण करने वाला पहला भारत का मिशन है। इसे साल 2023 के मध्य में लॉन्च होने की उम्मीद है। वीएलसी के अलावा अंतरिक्ष यान छ अन्य उपकरणों से लैस होगा। यह सूर्य के पीछे की साइंस का पता लगाएगा। दुनियाभर की निगाहें इस अनोखे मिशन पर है।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts