2028 में ISRO लॉन्च करेगा Chandrayaan-4, चांद की सतह से लाएगा चट्टान, 2040 तक भेजा जाएगा इंसान

इसरो (ISRO) 2028 में चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) मिशन भेजेगा। इस मिशन में चंद्रमा की सतह से चट्टान लाया जाएगा।

 

बेंगलुरु। चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 mission) की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization) अब चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) को भेजने की तैयारी कर रही है। चंद्रयान-4 को 2028 में भेजा जाएगा। इस मिशन द्वारा चंद्रमा से चट्टान लाया जाएगा।

इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. निलेश देसाई ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से कहा है कि अगला मिशन चंद्रयान-4 2028 में लॉन्च किया जाएगा। इसे LUPEX मिशन नाम दिया गया है। इसरो के चंद्रयान-3 मिशन को अभूतपूर्व सफलता मिली है। इसकी उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के लिए चंद्रयान-4 भेजा जाएगा। अगर यह सफल रहा तो भारत दुनिया का चौथा देश होगा जिसके पास चंद्रमा की सतह से सैंपल लाने की क्षमता होगी।

Latest Videos

इसरो की योजना 2040 तक चांद पर इंसान भेजने की है। निलेश देसाई ने कहा, 'चांद पर इंसान बेजने के लिए हमारे पास अगले 15 साल हैं।' चंद्रयान-4 को भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारा जाएगा। यहां से चट्टान का सैंपल धरती पर लाया जाएगा ताकि उसका विस्तार से अध्ययन हो सके। इससे पता चलेगा कि चांद पर किस तरह के संसाधन (जैसे-पानी) हैं। इससे भविष्य में चांद पर इंसानी बस्ती बनाने में मदद मिलेगी।

350 किलो का रोवर ले जाएगा चंद्रयान-4
चंद्रयान-4 अपने साथ 350 किलो का रोवर ले जाएगा। यह चंद्रयान-3 के साथ भेजे गए रोवर की तुलना में अधिक दूरी तक खोजबीन कर सकेगा। लैंडर चंद्र क्रेटर के खतरनाक किनारों की जांच करेगा। ये क्षेत्र अभी तक अज्ञात है। चंद्रयान-4 को संभवत: भारत के हेवी-लिफ्ट जीएसएलवी एमके III या एलवीएम3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। मिशन की सफलता नमूनों को सुरक्षित रूप से प्राप्त करने और उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने पर निर्भर करती है। यह तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए दो लॉन्च की जरूरत होगी। पहला लॉन्च धरती से चांद की ओर और दूसरा चांद से धरती की ओर होगा।

यह भी पढ़ें- 2035 तक अंतरिक्ष में होगा भारत का स्पेस स्टेशन, चंद्रमा पर भेजेंगे इंसान, पढ़ें PM के भाषण की खास बातें

चंद्रयान-4 की लैंडिंग चंद्रयान -3 की तरह होगी। इसका केंद्रीय मॉड्यूल परिक्रमा मॉड्यूल के साथ डॉक करने के बाद वापस आ जाएगा। यह पृथ्वी के ऊपर अलग होगा और वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगा। यह धरती पर नमूने गिराएगा। इसरो ने पहले ही विक्रम के साथ एक हॉप प्रयोग का प्रदर्शन किया है। इसमें दिखाया गया है कि इसरो का अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से उठ सकता है।

Share this article
click me!

Latest Videos

जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
Maharashtra Election Result से पहले ही लगा 'भावी मुख्यमंत्री' का पोस्टर, जानें किस नेता का है नाम
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट