जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक लोकसभा से पास, जानें आएंगे कैसे बदलाव

लोकसभा ने बुधवार को जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पारित कर दिया। ये बिल जुलाई में संसद में पेश किए गए थे।

 

Vivek Kumar | Published : Dec 6, 2023 2:56 PM IST / Updated: Dec 06 2023, 08:27 PM IST

नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार को जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पारित कर दिया। इन विधेयकों का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में महत्वपूर्ण कानूनों में संशोधन करना है। ये बिल इसी साल जुलाई में संसद में पेश किए गए थे।

जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023

इस विधेयक से जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन किया गया है। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के सदस्यों को नौकरियों और व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण प्रदान करना है। विधेयक में "कमजोर और अल्प-विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग" को "अन्य पिछड़ा वर्ग" से बदला गया है। इससे कमजोर और अल्प-विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों की मूल परिभाषा से छुटकारा मिला है।

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023

इस विधेयक से जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन किया गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव है। इन सीटों में से 7 अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए और 9 अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए आरक्षित होंगी।

नए विधेयक द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में नई धारा 15ए और 15बी जोड़ा गया है। इससे उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में दो से अधिक सदस्यों को नामित कर पाएंगे। सदस्यों में से एक महिला, "कश्मीरी प्रवासियों" के समुदाय से होगी। दूसरे सदस्य पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर के विस्थापित व्यक्ति होंगे।

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1 नवंबर 1989 के बाद कश्मीर घाटी या जम्मू और कश्मीर राज्य के किसी अन्य हिस्से से चले गए लोगों को प्रवासी माना गया है। इनके लिए राहत आयुक्त के पास रजिस्टर्ड होना जरूरी है।

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