JNU में स्टूडेंट्स के लिए नई गाइडलाइन: अब विरोध-प्रदर्शन या धरना करने पर 20 हजार भरना होगा जुर्माना, हिंसा करने पर जुर्माना के साथ एडमिशन भी होगा रद्द

विवि ने एक दस पेज की गाइडलाइन बुक जारी की है। रूल्स ऑफ डिसिप्लिन एंड प्रॉपर कंडक्ट ऑफ स्टूडेंट्स ऑफ JNU की इस गाइडलाइन बुक में सारे नियम, कायदे-कानून को स्पष्ट किया गया है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 2, 2023 1:21 PM IST / Updated: Mar 02 2023, 07:05 PM IST

JNU new rules for Students: देश की सबसे चर्चित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है। जेएनयू प्रशासन ने स्टूडेंट्स के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर यूनिवर्सिटी से एडमिशन तक रद्द हो सकता है। अब विवि कैंपस में विरोध प्रदर्शन या धरना करने पर 20 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। यही नहीं अगर कोई स्टूडेंट किसी तरह की हिंसा करने का आरोप है तो उसे 30 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। स्टूडेंट का एडमिशन भी रद्द कर दिया जा सकता है। विवि प्रशासन ने कैंपस में धरना-प्रदर्शनों को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं।

दरअसल, विवि ने एक दस पेज की गाइडलाइन बुक जारी की है। रूल्स ऑफ डिसिप्लिन एंड प्रॉपर कंडक्ट ऑफ स्टूडेंट्स ऑफ JNU की इस गाइडलाइन बुक में सारे नियम, कायदे-कानून को स्पष्ट किया गया है। इस रूल बुक में विरोध-प्रदर्शन, धोखाधड़ी, हिंसा या किसी अन्य तरह की हरकतों के लिए अलग-अलग प्रावधान किया गया है। बुक में यूनिवर्सिटी में किसी तरह की इंक्वायरी या बयान दर्ज कराने का क्या प्रोसेस है, उसे भी साफ-साफ बताया गया है। इस गाइडलाइन के अनुसार सारे नियम 3 फरवरी से कैंपस में प्रभावी हो गए हैं। यह नियम रेगुलर स्टूडेंट हो या पार्ट-टाइम, सबपर लागू होंगे।

17 अपराधों के लिए विवि देगा सजा

नई गाइडलाइन में 17 अपराधों का विवरण हैं जिस पर सजा भी साफ साफ बता दी गई है। यूनिवर्सिटी ने बताया कि अगर कैंपस में किसी जगह को स्टूडेंट ब्लॉक करते हैं, कहीं जुआ खेलते हैं, हॉस्टल के कमरों में अवैध कब्जा करते हैं, अपमानजनक टिप्पणी या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो उसके लिए भी सजा तय की गई है। स्टूडेंट्स के खिलाफ मिली शिकायत या साबित हुए अपराध को लेकर उनके माता-पिता या अभिभावकों को भी जानकारी दी जाएगी। नई गाइडलाइन में यह भी तय है कि अगर छात्रों के साथ साथ किसी अपराध में टीचर्स भी उनके साथ शामिल हैं तो उसकी सुनवाई यूनिवर्सिट के स्कूल या सेंटर लेवल पर गठित शिकायत निवारण समिति करेगी। जबकि सेक्सुअल असाल्ट, लड़कियों के साथ छेड़छाड़, रैगिंग, सांप्रदायिक बवाल या महिलाओं के खिलाफ किसी प्रकार के मामले को विवि का प्रॉक्टर ऑफिस देखेगा।

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