त्रिपुरा-नागालैंड में BJP की जीत की 10 बड़ी वजहें, कहीं विकास को बनाया मुद्दा तो कहीं इन 3 वर्गों पर किया फोकस

विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं। तीन राज्यों में से त्रिपुरा और नागालैंड में एक बार फिर बीजेपी सरकार बनाने जा रही है। वहीं कांग्रेस का खराब प्रदर्शन लगातार जारी है। आखिर क्या रही बीजेपी की जीत की बड़ी वजहें, आइए जानते हैं। 

Ganesh Mishra | Published : Mar 2, 2023 12:10 PM IST / Updated: Mar 02 2023, 06:05 PM IST

Tripura-Nagaland Assembly Election Result: पूर्वोत्तर के विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा और नागालैंड की 60 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे लगभग क्लियर हो चुके हैं। दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार बननी तय है। बता दें कि नागालैंड में सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और BJP ने मिलकर चुनाव लड़ा था, वहीं त्रिपुरा में भी पार्टी का गठबंधन है। आइए जानते हैं नागालैंड और त्रिपुरा दोनों ही राज्यों में बीजेपी की जीत की आखिर क्या हैं प्रमुख वजहें।

त्रिपुरा में जीत की वजहें..

1- कांग्रेस-लेफ्ट में गठबंधन के बावजूद अंदरूनी कलह :

कभी धुर विरोधी रहे लेफ्ट और कांग्रेस ने त्रिपुरा की सत्ता पर काबिज होने के लिए आपसी दुश्मनी को भुलाते हुए साथ आने का फैसला किया। 2018 के चुनाव में 44% वोट पाने वाली लेफ्ट ने महज 1.5% वोट पाने वाली कांग्रेस से हाथ मिलाया। दोनों ने गठबंधन कर सियासी समीकरण तो साध लिए लेकिन अंदरूनी तौर पर दोनों पार्टी के नेताओं में भारी मतभेद रहा। लेफ्ट और कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी विरोध ने बीजेपी को मजबूत किया।

2- आदिवासी समुदाय को साध लेना :

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, त्रिपुरा की राजनीति में सबसे बड़ा योगदान आदिवासी समुदाय का होता है। पिछले कई चुनावों में आदिवासी समुदाय के मुद्दों के साथ ही चुनाव लड़े गए और नतीजे भी उसी के मुताबिक आए। त्रिपुरा की 60 सीटों वाली विधानसभा में 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं। 2018 की तरह ही इस बार के चुनाव में भी बीजेपी आदिवासी समुदाय को साधने में कामयाब रही।

3- महिला और युवा वोटरों को अपने पक्ष में करना :

बीजेपी ने इस बार महिला वोटर्स को भी अपने पक्ष में कर लिया। एग्जिट पोल के मुताबिक, त्रिपुरा की 49% महिलाओं ने बीजेपी को अपनी पहली पसंद माना है। इसके अलावा युवा वोटरों की पहली पसंद भी बीजेपी ही रही। इसके अलावा बीजेपी ने राज्य में एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के वोट बैंक को भी साध लिया, जिसका उन्हें सीधा फायदा मिला।

4- डबल इंजन की सरकार का दम :

2018 में चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने त्रिपुरा में बिप्लब देब को सीएम बनाया था। हालांकि 4 साल तक सत्ता में रहने के बाद बिप्लब देब को हटाकर माणिक साहा को मुख्यमंत्री बना दिया था। 2023 के चुनाव में माणिक साहा के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की डबल इंजन वाली सरकार के दम पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा, जिसका उसे सीधा फायदा मिला।

5- बीजेपी ने विकास को बनाया अहम मुद्दा :

बीजेपी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में विकास को अहम मुद्दा बनाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी अगरतला में 4350 करोड़ से ज्यादा की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। इन योजनाओं के तहत अगरतला बायपास (खैरपुर-अमतली) एनएच-08 के चौड़ीकरण के लिए कनेक्टिविटी परियोजनाएं, 230 किलोमीटर से अधिक लंबाई की 32 सड़कों का शिलान्यास, आनंदनगर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और अगरतला गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज का उद्घाटन भी किया।

नागालैंड में बीजेपी की जीत की वजहें..

1- मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की लोकप्रियता :

नागालैंड में बीजेपी गठबंधन की जीत की सबसे बड़ी वजह मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की जनता के बीच पॉपुलैरिटी है। एग्जिट पोल्स के मुताबिक, करीब 25 प्रतिशत जनता की पहली पसंद वर्तमान मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो हैं। यही वजह है कि नागालैंड की जनता ने एक बार फिर से बीजेपी गठबंधन की जीत का रास्ता साफ किया।

2- पीएम मोदी का चुनाव प्रचार :

पीएम मोदी ने चुनाव से पहले नागालैंड के दीमापुर में विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नागालैंड में चल रही विकास परियोजनाओं का भी जिक्र किया। इसके अलावा पीएम ने विकास का जिक्र करते हुए कहा कि हम नागालैंड के साथ ही पूरे नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले 9 साल में नागालैंड सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में रोड, रेल और हवाई कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा बदलाव आया है।

3- AFSPA को लेकर दिलाया भरोसा :

पीएम मोदी ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) का जिक्र करते हुए कहा- नागालैंड में AFSPA की जरूरत ना पड़े, इसके लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने नागालैंड में Permanent Peace, Progress और Prosperity का मंत्र दिया। इसके अलावा पीएम ने नार्थ-ईस्ट के राज्यों में बॉर्डर से जुड़े विवादों का भी जल्दी से जल्दी हल निकालने की बात कही।

4- युवाओं पर फोकस :

पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान युवाओं पर भी फोकस किया, जो बीजेपी की जीत की बड़ी वजह बना। नागालैंड के युवाओं को टूरिज्म से टेक्नोलॉजी और स्पोर्ट्स से लेकर स्टार्ट-अप्स में बीजेपी सरकार ने बड़ा काम किया। राजधानी कोहिमा में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क इसका जीता जागता उदाहरण है। बता दें कि नागालैंड में बीजेपी की जीत की सबसे बड़ी वजह तेज विकास का संकल्प रहा।

5- गरीब, आदिवासी और महिला वर्ग को साधना :

नागालैंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गरीब, आदिवासी और महिला वर्ग पर फोकस किया। इन वर्गों को हर एक स्कीम में प्राथमिकता दी गई। बीजेपी ने रीजन और रिलीजन देखकर भेदभाव नहीं किया। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर और जन कल्याण के काम बिना किसी भेदभाव के किए। इसका सीधा फायदा बीजेपी को जीत के रूप में मिला।

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