सार
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन के अलावा एक नई पार्टी ने सभी को चौंका दिया है। इस पार्टी का नाम टिपरा मोथा (TMP) है और इसके अध्यक्ष प्रद्योत किशोर हैं।
Tipra Motha Party: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के चुनाव नतीजे कुछ ही देर में साफ हो जाएंगे। त्रिपुरा में इस बार कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन के अलावा एक नई पार्टी ने सभी को चौंका दिया है। इस पार्टी का नाम टिपरा मोथा (TMP) है, जो कि त्रिपुरा के शाही परिवार से आने वाले प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा की पार्टी है। बता दें कि टिपरा मोथा पार्टी त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों में बेहद मजबूत है। यही वजह है कि कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन के बावजूद यह मुख्य पार्टियों को कड़ी टक्कर दे रही है।
कौन हैं प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा?
त्रिपुरा राजघराने से ताल्लुक रखने वाले प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा ने टिपरा मोथा पार्टी बनाई है। यह पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 4 जुलाई, 1978 को त्रिपुरा के शाही परिवार में पैदा हुए प्रद्योत किशोर पार्टी के अध्यक्ष हैं। उनके पिता का नाम किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा और माता का बिभू कुमारी देवी है। बता दें कि प्रद्योत किशोर उसी शाही परिवार से आते हैं, जिन्होंने त्रिपुरा का विलय भारत में कराया था।
TMP ने नए राज्य ‘टिपरालैंड’ को बनाया सबसे बड़ा मुद्दा :
टिपरा मोथा पार्टी (TMP) के प्रद्योत किशोर ने त्रिपुरा में एक नए राज्य ग्रेटर 'टिपरालैंड' की मांग उठाई है। उनका मुख्य चुनावी मुद्दा भी यही था। बता दें कि 5 फरवरी, 2021 को प्रद्योत माणिक्य के पिता किरीट बिक्रम ने TIPRA नामक सामाजिक संगठन को राजनीतिक दल में बदलने की घोषणा की थी। किरीट बिक्रम खुद राजनीति में रह चुके हैं। वे 3 बार कांग्रेस से सांसद रहे। वहीं उनकी पत्नी बिभू कुमारी देवी 2 बार कांग्रेस विधायक और त्रिपुरा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।
आदिवासियों के बीच पॉपुलर है TMP :
ग्रेटर टिपरालैंड की मांग ने टिपरा मोथा पार्टी को आदिवासी लोगों में बेहद पॉपुलर बना दिया है। बता दें कि त्रिपुरा की करीब 40 लाख से ज्यादा की आबादी में आदिवासी जनता की हिस्सेदारी एक तिहाई है। पार्टी के प्रमुख प्रद्योत किशोर भले ही चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि हमारी पार्टी राजनीतिक व्यवस्था बदलने के लिए पारदर्शिता में भरोसा रखती है।
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