मुंबई में चप्पल लेकर क्यों सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी, ये है वजह और मांगें

Published : Sep 01, 2024, 01:57 PM ISTUpdated : Sep 01, 2024, 01:58 PM IST
MVA

सार

मुंबई में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद महाविकास अघाड़ी ने 'जूता मारो आंदोलन' शुरू किया है। गेट वे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

मुंबई। मुंबई में आज बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर चप्पल लेकर निकले हैं। राजनीतिक दलों और संगठनों से जुड़े नेता और कार्यकर्ता गेट ऑफ इंडिया पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। महाविकास अघाड़ी संगठन की ओर से आज जूता मारो आंदोलन किया जा रहा है। हालांकि मुंबई पुलिस की ओर से प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। प्रदर्शन में कई विधायक-सांसद भी जुटे हैं। 

क्यों हो रहा जूता मारो आंदोलन
मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया पर एमवीए का सरकार को जूता मारो आंदोलन हो रहा है। सिंधु दुर्ग में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा लगाई गई थी लेकिन 26 अगस्त को वह अचानक ढह गई। इससे एमवीए के पदाधिकारी और नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने इसे सरकार के भ्रष्टाचार का सबूत कहा है। शिवाजी की प्रतिमा भी मिलावटी सामग्री से बनवाई गई थी जो कि घोर अपराध है। सरकार को इस खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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गेट वे ऑफ इंडिया पर्यटक नहीं नेता जुटे
रविवार को यूं तो गेट वे ऑफ इंडिया पर पर्यटकों की भीड़ लगती है, लेकिन आज प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा है। सरकार के खिलाफ एमवीए नेता और कार्यकर्ता सभा कर नारेबाजी कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस भी तैनात की गई है। प्रदर्शन के चलते पुलिस ने पहले ही गेट वे ऑफ इंडिया पर एंट्री बैन कर दी थी। जो सैलानी जानकारी न होने पर पहुंच भी रहे थे उन्हें भी वापस लौटा दिया जा रहा था।

क्या है प्रदर्शनकारियों की मांगें
एमवीए की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन में नेताओं की मांग है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें। प्रतिमा को फिर से बनाए जाने की भी मांग की जा रही है। इसके साथ ही प्रतिमा गिरने के कारणों  की निष्पक्ष जांच करने की मांग भी की जा रही है।

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