उच्च सदन में बीजेपी के नेता रहे पीयूष गोयल के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद अब जेपी नड्डा को नेता सदन बनाए जाने की उम्मीद है। नड्डा, गुजरात से राज्यसभा में पहुंचे हैं।
BJP leader in Rajya Sabha: राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा नेता बनाए जा सकते हैं। राज्यसभा में नेता सदन के रूप में जेपी नड्डा का नाम लगभग फाइनल है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद जेपी नड्डा की एक बार फिर मोदी कैबिनेट में वापसी हुई है। उच्च सदन में बीजेपी के नेता रहे पीयूष गोयल के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद अब जेपी नड्डा को नेता सदन बनाए जाने की उम्मीद है। नड्डा, गुजरात से राज्यसभा में पहुंचे हैं।
नए अध्यक्ष के चुनाव तक पद पर बने रहेंगे नड्डा
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश जारी है। इसी साल चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में अगर पार्टी को कोई नया अध्यक्ष चेहरा नहीं मिला तो उनको कुछ महीने और पद पर बने रहने के लिए कहा जा सकता है। हालांकि, इसकी संभावना दिख रही है क्योंकि संगठनात्मक चुनाव पूरा हुए बगैर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं है। पार्टी के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी होता है जब 50 प्रतिशत राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाते हैं, जिसके लगभग छह महीने तक चलने की उम्मीद है। इसलिए नए अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर-जनवरी में होने की अधिक संभावना है।
विद्यार्थी परिषद से राष्ट्रीय अध्यक्ष तक
जेपी नड्डा, मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। हालांकि, उनकी पढ़ाई-लिखाई बिहार में हुई है। लॉ डिग्री धारक नड्डा की राजनीतिक यात्रा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू हुई थी। नड्डा, 1991 में बीजेपी की यूथ विंग BJYM या भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता रहे। जेपी नड्डा, पहली बार 2012 में हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए थे और 2014 में अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें भाजपा के संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। हिमाचल विधानसभा में विधायक भी रहे। हिमाचल की बिलासपुर सीट से नड्डा 1993, 1998 और 2007 में जीते। 1998 से 2003 के बीच स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया। पहले हिमाचल से राज्यसभा सदस्य थे, लेकिन इस बार गुजरात से वह राज्यसभा गए हैं।
दस सालों में बीजेपी का सबसे खराब प्रदर्शन
2014 के बाद से लगातार बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में आ रही थी। 2014 और 2019 में बीजेपी के पास इतना संख्याबल था कि वह अपने दम पर अकेले सरकार बनाती। हालांकि, एनडीए के सहयोगी दलों को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया। लेकिन 2024 का चुनाव बीजेपी के लिए बहुत अच्छा नहीं रहा। इस चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब था और वह इतने सांसद तक न जीता सकी कि अपने दम पर सरकार बना सके। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने इस बार 240 सीटें हासिल की हैं। 543 सदस्यीय सदन में बहुमत से 32 सीटें कम है। हालांकि, बीजेपी ने एनडीए दलों के समर्थन से तीसरी बार सरकार बनाई है। भाजपा को दो बड़े सहयोगियों - चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी (16 सांसद) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (12 सांसद) पर निर्भर रहना पड़ा है। एनडीए के अन्य सहयोगियों की मदद से इसके पास 293 सांसद हैं।
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