राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने संसद की भूमिका को लेकर बेहद गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या भारत की संसद धीरे-धीरे अप्रासंगिक बनाई जा रही है? क्या असली मुद्दों पर चर्चा से जानबूझकर बचा जा रहा है?