
कारगिल (Report- Anish Kumar)। 3 मई से लेकर 26 जुलाई 1999 तक भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ी गई कारगिल की लड़ाई (Kargil War) में ब्रिगेडियर कुशल ठाकुर की अहम भूमिका थी। उनकी यूनिट ने द्रास सेक्टर के कोरोलिन और टाइगर हिल पर लड़ाई लड़ी थी। 26 जुलाई को मनाए जाने वाले कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2024) से पहले उन्होंने एशियानेट न्यूज को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है। इस दौरान 25 साल पहले लड़ी गई लड़ाई की यादें शेयर कीं।
कुशल ठाकुर कारगिल वार के समय कर्नल थे। उन्होंने कहा, "हम आतंकवाद से लड़ रहे थे तभी अचानक आदेश आया कि द्रास जाना है। यहां दुश्मन गोलीबारी कर रहे थे। आर्टिलरी फायर की जा रही थी। 16 मई 1999 को हमें आदेश मिला था। इसके बाद हम 17-18 मई को द्रास के मतायन या मुगलपुरा नाम की जगह पहुंचे। 19 मई को बताया गया कि कुछ आतंकी कोरोलिन में दिखे हैं। हमें इनका सफाया करना है।"
कोरोलिन का टास्क बहुत चुनौतिपूर्ण था, पर्याप्त आर्टिलरी नहीं थे
ब्रिगेडियर ने कहा, "द्रास सेक्टर में कोरोलिन और टाइगर सेक्टर में दो बड़ी लड़ाई लड़ी गई। यह गर्व की बात है कि मेरी यूनिट ने दोनों में हिस्सा लिया। कोरोलिन का टास्क बहुत चुनौतिपूर्ण था। हमारे पास पर्याप्त आर्टिलरी नहीं थे। सैनिकों को तैयारी करने और स्थिति के अनुसार ढलने के लिए समय नहीं मिला। वहीं, टाइगर हिल पर हमले के समय हमारे पास यह सब था। हम 120 तोप से फायरिंग कर रहे थे। बोफोर्स तोप से गोले दागे जा रहे थे। हमने मल्टिपर बैरल रॉकेट लॉन्चर मंगाए थे। तैयारी और जानकारी जुटाने के लिए पर्याप्त समय था।"
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उन्होंने कहा, "हमने सियाचिन लिया था। यह उनके (पाकिस्तान) दिमाग में था। उनकी कोशिश थी कि सियाचिन पर कब्जा कर रास्ते को रोका जाए। वे सेना के काफिले और नागरिकों पर गोलीबारी कर रहे थे। उनकी कोशिश कश्मीर के मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की थी। वे बहुत बुरी तरह विफल हुए।"
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