
Who Is Sunil Kanugolu. कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पहला सवाल यह सामने आता है कि आखिर पार्टी ने किस तरह की रणनीति अपनाई कि बीजेपी के प्रचंड प्रचार के बाद भी कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया। कांग्रेस की इस जीत के पीछे चुनावी रणनीतिकार सुनील कानूगोलू की बड़ी भूमिका है। सुनील की टीम ने चुनाव से पहले सर्वे किया और उसी के आधार पर कैंडिडेट्स को टिकट दिए गए। साथ ही सुनील कानूगोलू ने की उन 70 सीटों की पहचान की, जहां कांग्रेस बहुत कम मार्जिन से चुनाव हार गई थी।
2018 में बीजेपी के साथ थे सुनील कानूगोलू
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की जीत की रणनीति बनाने वाले सुनील कानूगोलू 2018 के चुनाव में बीजेपी के साथ थे। इस बार के चुनाव में उन्होंने कर्नाटक में माइक्रो मैनेजमेंट पर फोकस किया। सुनील की टीम ने कर्नाटक की उन 70 सीटों की पहचान की, जहां कांग्रेस टच एंड गो की स्थिति में है। इस बार उन सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है। कांग्रेस नेता ने बताया कि हमने पिछले 8 महीने में 5 सर्वे किए थे। टीम के सर्वे के बाद ही हमने प्रत्याशियों का चयन किया था। हमने सर्वे के बाद ही 70 हॉट सीट की पहचान की, जहां हमें जीत मिली है।
2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की रणनीति संभालेंगे कानूगोलू
पिछले साल मई में सोनिया गांधी ने सुनील कानूगोलू को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए गठित टास्क फोर्स में भी सुनील कानूगोलू को शामिल किया है। इस टास्क फोर्स में पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, प्रियंका गांधी, रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। कानूगोलू उस वक्त पार्टी के साथ जुड़े प्रशांत किशोर ने पार्टी ज्वाइन करने से इंकार कर दिया था। प्रशांत किशोर और सुनील कानूगोलू के काम करने का तरीका भी अलग-अलग है।
डीएमके के लिए भी कर चुके हैं काम
सुनील कानूगोलू ने इससे पहले डीएमके पार्टी और एमके स्टालिन के लिए काम किया है। वे डीएमके के नमक्कु नामे कैंपेन को सफलतापूर्वक चला चुके हैं। उसी कैंपेन की बदौलत एमके स्टालिन पब्लिक फिगर बनकर उभरे और अब वे तमिलनाडू के मुख्यमंत्री हैं। कानूगोलू ने फरवरी 2018 तक अमित शाह के साथ भी काम किया है। यूपी, उत्तराखंड के चुनावों में भी बीजेपी के लिए काम कर चुके हैं।
यह भी पढ़ें