2022 में हुए एक विरोध प्रदर्शन और सड़क जाम के मामले में सिद्धारमैया, एमबी पाटिल, रामलिंगा रेड्डी और रणदीप सिंह सुरजेावाला के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था।
CM Siddaramaiah fined: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हाईकोर्ट ने दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। दो साल पुराने एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने सिद्धारमैया को 6 मार्च को पेश होने का भी आदेश दिया है। 2022 में हुए एक विरोध प्रदर्शन और सड़क जाम के मामले में सिद्धारमैया, एमबी पाटिल, रामलिंगा रेड्डी और रणदीप सिंह सुरजेावाला के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था। कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्वयं हाजिर होने का निर्देश दिया है।
क्या था 2022 का मामला जिस पर हुआ जुर्माना?
दरअसल, 2022 में राज्य के एक ठेकेदार संतोष पाटिल ने तत्कालीन बीजेपी सरकार के मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। कथित कमीशन के चलते संतोष पाटिल ने आत्महत्या कर ली थी। ठेकेदार संतोष पाटिल ने आरोप लगाया कि ईश्वरप्पा ने उनके गांव में एक परियोजना के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। आरोप लगाने के बाद संतोष पाटिल ने आत्महत्या कर ली।
ठेकेदार संतोष पाटिल के आरोप और बाद में आत्महत्या के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया। विपक्षी कांग्रेस नेताओं ने तत्कालीन बसवराज बोम्मई सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी क्रम में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, एमबी पाटिल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, रामलिंगा रेड्डी सहित सैकड़ों कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया था और सड़क जाम किया था।
तत्कालीन सीएम के आवास पर प्रदर्शन
पुलिस ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने सड़कें अवरुद्ध कर दीं और यात्रियों को असुविधा हुई। नेताओं के खिलाफ तब केस दर्ज किया गया जब उन्होंने बेंगलुरु में तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के घर की घेराबंदी करने के लिए एक मार्च निकाला था। ईश्वरप्पा उस समय ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री थे और कांग्रेस नेता उनके इस्तीफा की मांग कर रहे थे।
कोर्ट ने लगाया जुर्माना
हाईकोर्ट ने बिना वैध कारण के मामले में एक पुलिस अधिकारी को प्रतिवादी बनाने के लिए सिद्धारमैया और कांग्रेस नेताओं पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। सिद्धारमैया की ओर से दायर जवाबी मामले में पुलिस अधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया था।
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