सार
आरोपियों को दस साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। लोकसभा में पास होने के बाद यह विधेयक अब राज्यसभा में पास कराया जाएगा। दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक कराने या नकल पर लगाम कसने के लिए विधेयक पास हो गया है। 5 फरवरी को पास हुए इस विधेयक के कानून बनने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी कराने वाले लोगों या संस्थाओं को कम से कम तीन साल का जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। आरोपियों को दस साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। लोकसभा में पास होने के बाद यह विधेयक अब राज्यसभा में पास कराया जाएगा। दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
लोकसभा में बिल पास होने के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार और एजेंसियों के पास अब प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक कराने या नकल जैसे अपराधों से निपटने के लिए ठोस कानून होगा। अब गड़बड़ियां फैलाने वालों को सख्ती से निपटा जा सकेगा।
अब यह गतिविधियां अपराध मानी जाएंगी...
- किसी भी परीक्षा का पेपर या आंसर लीक करना।
- प्रश्न पत्र या उसका जवाब लीक करने में किसी के साथ शामिल होना
- प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट बिना अनुमति के पास रखना
- पेपर साल्व करने पर किसी की मदद करना
- परीक्षार्थी को डायरेक्ट या इनडायरेक्ट किसी तरीके से मदद करना
- परीक्षा में आंसर शीट या ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़
- कॉपियों के इवैल्युएशन के पहले किसी तरह से छेड़छाड़
- परीक्षा एजेंसी द्वारा तय परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करना
- पब्लिक एग्जाम के लिए तय सिक्योरिटी मानकों का उल्लंघन
- परीक्षा के दौरान कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़
- कैंडिडेट्स की सीट निर्धारण, परीक्षा डेट और शिफ्ट में छेड़छाड़
- परीक्षा संबंधित अथॉरिटीज को धमकाना या काम करने से रोकना
- परीक्षा या एग्जाम अथॉरिटी से जुड़ी नकली वेबसाइट बनाना
- नकली एडमिट कार्ड जारी करना या नकली एग्जाम कराना