कर्नाटक की 224 सीटें के लिए 10 मई को वोटिंग हुई थी। इस चुनाव में अयानुर मंजूनाथ ने कर्नाटक भाजपा को एक बड़ा झटका देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की पार्टी जद(एस) ज्वाइन कर ली थी।
बेंगलुरु. कर्नाटक की 224 सीटें के लिए 10 मई को वोटिंग हुई थी। इस चुनाव में अयानुर मंजूनाथ ने कर्नाटक भाजपा को एक बड़ा झटका देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की पार्टी जद(एस) ज्वाइन कर ली। उन्हें शिवमोग्गा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि वे निगम पार्षद और भाजपा उम्मीदवार एसएन चन्नबसप्पा(चेन्नी) की आंधी में उड़ गए।
हालांकि वे निगम पार्षद और भाजपा उम्मीदवार एसएन चन्नबसप्पा(चेन्नी) की आंधी में उड़ गए। भाजपा ने यहां 53 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए। जबकि कांग्रेस के एचसी योगेश को 38 प्रतिशत और मंजूनाथ को सिर्फ 4.85 प्रतिशत वोट मिले। भाजपा के एसएन चन्नबसप्पा(चेन्नी) को 96 हजार से अधिक वोट मिले। कांग्रेस के एचसी योगेश को 68000 के करीब वोट। मंजूनाथ को सिर्फ 8800 के करीब वोट हासिल हुए। आइए जानते हैं उनकी राजनीति कहानी...
अयानुर मंजूनाथ का जन्म 14 नवंबर 1955 को हुआ था। वह जुलाई 2010-जुलाई 2016 की अवधि के लिए कर्नाटक राज्य से राज्य सभा के सदस्य रहे। इस चुनाव में उन्होंने कर्नाटक भाजपा को एक बड़ा झटका देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की पार्टी जद(एस) ज्वाइन कर ली। उन्हें शिवमोग्गा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। मंजूनाथ लिंगायत नेता हैं। वैसे इस लोकसभा सीट पर भाजपा का वर्चस्व रहा है। यहां से येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र सांसद हैं।
कर्नाटक विधानसभा 2023 के लिए 10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोटिंग की थी। चुनाव आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ था। इसे 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक बताया गया।
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