बिना टेस्ट दिए पास हुए येदियुरप्पा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। येदियुरप्पा ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया।  जिसमें उन्होंने कहा- सदन को उनके नेतृत्व वाली सरकार में भरोसा है। वह 'प्रतिशोध की राजनीत' में लिप्त नहीं होंगे और वह भूलने एवं माफ करने के सिद्धांत में विश्वास करते हैं। प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतर चुका है।उनकी प्राथमिकता इसे वापस पटरी पर लाने की है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2019 5:40 AM IST / Updated: Jul 29 2019, 04:11 PM IST

बेंगलोर. कर्नाटक में लंबे समय से चले आ रहे सियासी संग्राम का अंत सत्ता बदलने के साथ हो गया है। बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। विपक्ष ने इस दौरान वोटिंग की मांग भी नहीं की। बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 207 विधायकों वाली विधानसभा में सरकार गठन के लिए 104 विधायकों का आंकड़ा चाहिए था। जिसमें बीजेपी के पास 105 विधायक थे। येदियुरप्पा ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा- सदन को उनके नेतृत्व वाली सरकार में भरोसा है। वह प्रतिशोध की राजनीती में लिप्त नहीं होंगे। वह भूलने और माफ करने के सिद्धांत में विश्वास करते हैं। उनकी प्राथमिकता प्रशासनिक तंत्र को दोबारा पटरी पर लाने की है। उन्होंने कहा- ''मैं किसी के खिलाफ बदले की राजनीति के साथ काम नहीं करता हूं। अब भी नहीं करूंगा। हमारी सरकार किसानों के लिए काम करना चाहती है। मैं सभी से सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील करता हूं।'' 

वहीं स्पीकर रमेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया । उन्होंने कहा- मैं पद छोड़ना चाहता हूं। इस पद को अब डिप्टी स्पीकर संभालेंगे। सदन की कार्यवाही शाम 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 

लोग जानते हैं मैंने क्या काम किया: कुमारस्वामी

इससे पहले जेडीएस नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने सदन में बोलते हुए कहा- ''मैं 14 महीने तक सरकार में रहा। मुझे आपके सवालों के जवाब देने की कोई बाध्यता नहीं । मुझे अपनी अंतरात्मा की आवाज का जवाब देने की जरूरत है। पिछले 14 महीनों से सब कुछ दर्ज किया जा रहा था। लोग जानते हैं कि मैंने क्या काम किया है।''

17 बागी विधायक आयोग्य करार

वहीं एक दिन पहले सदन ने रविवार को कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों को आयोग्य करार दिया। इससे पहले राज्य में कुमारस्वामी सरकार थी, जो कि 16 विधायकों के इस्तीफे के कारण अल्पमत में आ गई थी। जिसके बाद वह 23 जुलाई को बहुमत साबित करने में विफल साबित हुई थी। जिसमें स्पीकर को हटाकर विधायकों की संख्या 204 थी और बहुमत के लिए 103 का आंकड़ा जरूरी था। कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि भाजपा को 105 वोट मिले थे। बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्‍पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सिद्दारमैया ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले पार्टी नेताओं के साथ बड़ी बैठक की। इसके अलावा विधानसभा रवाना होने से पहले बीएस येदियुरप्पा बेंगलोर के श्री बाला वेरा अंजनिया मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की थी।  

 

सिद्धारमैया को उम्मीद पर फिरा पानी
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने दावा किया था कि बीजेपी के तीन विधायक येदियुरप्पा के खिलाफ वोट करने वाले हैं। अगर ऐसा होता है, तो निर्दलीय और बीएसपी विधायक फ्लोर टेस्ट में अहम भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन विपक्ष की तरफ से वोटिंग की मांग नहीं की गई। जिसके बाद बीजेपी ने ध्वनिमत से बहुमत साबित कर दिया।  

 

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