कर्नाटक के सरकारी स्कूल में मुस्लिम छात्रों को दी नमाज की अनुमति, हिंदू संगठनों के विरोध पर जांच के आदेश

Namaz in school : यह घटना मुलबगल सोमेश्वर पलाया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड़ मॉडल हायर प्राइमरी स्कूल की है। यहां पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि पिछले दो महीने से वह ऐसा कर रहे हैं। कोरोना केस बढ़ने के बाद यह स्कूल बंद हो गया था, लेकिन फिर से खुलने पर नमाज पढ़ने की अनुमति बनी हुई है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2022 6:17 AM IST

बेंगलुरू। कर्नाटक (Karnataka) के कोलार जिले के एक सरकारी स्कूल (Government school) में बच्चों को नमाज पढ़ने की अनुमति देने के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। बताया जाता है कि इस स्कूल में लगभग 20 बच्‍चों को हर शुक्रवार को क्लासरूम में नमाज अदा करने (Offering Namaz) की अनुमति दी गई थी। हालांकि, स्कूल की प्रिंसिपल ने इससे इंकार किया है। 

हिंदू संगठन कर रहे विरोध
हिंदू संगठनों ने स्कूल में नमाज की अनुमति का विरोध करते हुए नमाज  बंद कराई। जिले के कलेक्टर उमेश कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मामले को तूल पकड़ता देख डिप्टी डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन (DDPI) रेवाना सिद्दप्पा अब स्कूल का दौरा करेंगे और इस संबंध में जानकारी जुटाकर विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगे।

प्रिंसिपल ने दी थी अनुमति, अब कर रहीं इंकार 
यह घटना मुलबगल सोमेश्वर पलाया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड़ मॉडल हायर प्राइमरी स्कूल की है। यहां पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि पिछले दो महीने से वह ऐसा कर रहे हैं। कोरोना केस बढ़ने के बाद यह स्कूल बंद हो गया था, लेकिन फिर से खुलने पर नमाज पढ़ने की अनुमति बनी हुई है। स्कूल के मुस्‍ल‍िम छात्रों ने बताया कि उन्हें नमाज पढ़ने के लि स्‍कूल की प्रिंसिपल ने अनुमति दी है। इस मामले में जब स्‍कूल की प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्‍होंने साफ इंकार कर द‍िया। उन्‍होंने कहा - मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। मैंने बच्चों को अनुमति नहीं दी। उन्होंने अपने मन से ऐसा किया होगा। उन्होंने कहा कि जब स्कूल में छात्र नमाज पढ़ रहे थे, तब वे स्कूल में नहीं थीं। उन्हें ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का फोन आया, तब इस बारे में उन्‍हें जानकारी मिली। सूत्रों के मुताबिक, प्रिंसिपल ने छात्रों को नमाज के लिए बाहर जाने से रोकने के लिए कक्षा में नमाज अदा करने की अनुमति दी थी। हालांकि, अब वो इससे इनकार कर रही हैं।

काफी नामी स्कूल रहा है 
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रिंसिपल के इस फैसले से इलाके के लोगों को दुख पहुंचा है। स्कूल के पास रहने वालों का कहना है कि इस मामले की वजह से इलाके के लोगों को दुख पहुंचा है। उन्होंने बताया कि इस स्कूल का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। यहां से कई छात्र आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन चुके हैं। 

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