Isha Yoga Centre के खिलाफ याचिका कर्नाटक हाईकोर्ट में खारिज: चिक्काबल्लापुरा में बने सेंटर पर की गई थी आपत्ति

कर्नाटक हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर यह आरोप लगाया गया था कि ईशा योग केंद्र के निर्माण के लिए चिक्काबल्लापुरा और आसपास के क्षेत्रों का इकोलॉजिकल सिस्टम को नष्ट कर दिया गया है।

बेंगलुरू: कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को ईशा योग केंद्र के खिलाफ एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। जनहित याचिका में चिक्काबल्लापुरा में बनें ईशा योग केंद्र के निर्माण के दौरान इकोलॉजिकल सिस्टम को क्षति पहुंचाई गई है। कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत एजेंडे के कारण जनहित याचिका दायर नहीं की जा सकती है। जनहित याचिका दायर करने वाले को अपने खिलाफ केस के बारे में भी बताया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

क्या आरोप लगाया गया था जनहित याचिका में?

Latest Videos

कर्नाटक हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर यह आरोप लगाया गया था कि ईशा योग केंद्र के निर्माण के लिए चिक्काबल्लापुरा और आसपास के क्षेत्रों का इकोलॉजिकल सिस्टम को नष्ट कर दिया गया है। वहां के वॉटर शेड, नंदी हिल्स के कमांड एरिया, एनडीबी फुट हिल्स को नुकसान हुआ है। पूरे क्षेत्र की ग्रीनरी को इससे क्षति पहुंची है। योग केंद्र और आदियोगी प्रतिमा चिक्काबल्लापुरा के अवलागुर्की गांव में बनाई गई है। इसे चंबली गांव के एस क्यातप्पा और अन्य ने चुनौती दी थी।

क्या कहा हाईकोर्ट ने?

कर्नाटक हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ईशा योग केंद्र की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता उदय होल्ला ने बताया कि याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है। वह अपना हित साधने के लिए यह जनहित याचिका दायर किया है। जबकि याचिकाकर्ताओं के वकील एम शिवप्रकाश ने दावा किया कि उन पर झूठे मामले थोपे गए हैं क्योंकि वे किसान समर्थक आंदोलन का हिस्सा थे।

मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनागी की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की है। बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने साफ हाथों से अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया है और उन्होंने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है। एक जनहित याचिका में साफ हाथों से अदालत में आना। कोर्ट में अपने खिलाफ मामले के बारे में भी बताना चाहिए था और उसके दस्तावेज उपलब्ध कराना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत एजेंडे के कारण जनहित याचिका दायर नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने अपनी याचिका में महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर इशारा किया और कहा कि महात्मा गांधी ने महान उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए साधनों की शुद्धता पर जोर दिया।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद आदियोगी की प्रतिमा का अनावरण

कर्नाटक हाईकोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने कई सख्त टिप्पणियां की हैं। बता दें कि हाईकोर्ट की अनुमति के बाद 15 जनवरी को आदियोगी की प्रतिमा का अनावरण किया गया। आदियोगी की विशालकाय प्रतिमा करीब 112 फीट ऊंची है।

यह भी पढ़ें:

इंसाफ का इंतजार: सुप्रीम कोर्ट और 25 हाईकोर्ट्स में 60 लाख केस पेंडिंग, सबसे अधिक 10.5 लाख केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित

भारत में भी चलेंगी हाईड्रोजन ट्रेनें: जर्मनी-चीन के बाद अब भारत भी बनाएगा रिकॉर्ड, पहले इन रूट्स पर चलेगी यह ग्रीन ट्रेन

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts