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भारत में भी चलेंगी हाईड्रोजन ट्रेनें: जर्मनी-चीन के बाद अब भारत भी बनाएगा रिकॉर्ड, पहले इन रूट्स पर चलेगी यह ग्रीन ट्रेन
India Hydrogen train: भारत में भी अब हाईड्रोजन ट्रेन रेल की पटरियों पर दौड़ेंगी। जर्मनी और चीन के बाद भारत ने भी एन्वायरनमेंट फ्रेंडली हाईड्रोजन ट्रेनों को चलाने का फैसला किया है। इस साल दिसंबर तक देश की पहली हाईड्रोजन ट्रेन को चलाया जाएगा।
| Published : Feb 09 2023, 05:55 PM IST
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किस रूट पर चलेगी भारत में पहली हाईड्रोजन ट्रेन?
India Hydrogen train route: भारत में पहली हाईड्रोजन ट्रेन की रूट तैयार की जा चुकी है। उत्तर रेलवे वर्कशॉप में हाईड्रोजन फ्यूल आधारिक ट्रेन की प्रोटोटाइप को तैयार किया जा रहा है। हाईड्रोजन फ्यूल इंजन की टेस्टिंग के अलावा इसके रूट्स की भी टेस्टिंग हो रही है। पहली ट्रेन हरियाणा के सोनीपत-जींद सेक्शन में टेस्ट किया जाएगा। इसके बाद इसे हेरीटेज रूट्स पर चलाया जाएगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हाइड्रोजन से चलने वाली इन ट्रेनों को विरासत मार्गों से यात्रा करने के लिए शुरू किया जाएगा। दिसंबर 2023 से हेरिटेज रूट्स पर हाइड्रोजन ट्रेन शुरू किया जाएगा। इससे हेरिटेज रूट पूरी तरह से ग्रीन हो जाएंगे।
इंडियन रेलवे के हेरीटेज ट्रेन रूट्स...
भारतीय रेलवे के विरासत रूट्स पर फिलहाल डीजल इंजन ही मुख्य रूप से चलते हैं। भारत में कालका शिमला रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कांगड़ा घाटी, माथेरान हिल रेलवे, बिलमोरा वाघई और मारवाड़-देवगढ़ मदरिया हेरीटेज रूट्स हैं। ये सभी हेरिटेज रूट नैरो गेज हैं।
भारत में हाईड्रोजन ट्रेनों का नाम वंदे मेट्रो ट्रेन
भारत जो हाईड्रोजन ट्रेन चलाने जा रहा है उन ट्रेनों को वंदे मेट्रो नाम दिया गया है। देश में अधिकांश ट्रेनें डीजल आधारित हैं या बिजली का उपयोग किया जाता है। इस लिए हाईड्रोजन ट्रेनों की बड़ी लॉट को तैयार करने की योजना है ताकि 1950-1960 के दशक से इस्तेमाल की जा रही ट्रेनों की लॉट को बदला जा सके। इसी के साथ नई हाइड्रोजन ट्रेनें देश को कार्बन उत्सर्जन को बड़े पैमाने पर कम करने और जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगी।
विश्व में सबसे पहला हाईड्रोजन ट्रेन जर्मनी ने चलाया...
विश्व में सबसे पहला हाईड्रोजन रेल जर्मनी ने चलाया। जुलाई 2022 में जर्मनी ने अपने यहां हाईड्रोजन ट्रेन को चलाना प्रारंभ किया। ट्रेन की अनुमानित लागत 86 मिलियन डॉलर है। हाईड्रोजन ट्रेन 140 किमी प्रति घंटा की स्पीड से एक हजार किलोमीटर तक एक बार में जा सकती है। 2022 में हाईड्रोजन ट्रेनों का संचालन करने के पहले जर्मनी ने पहली बार 2018 में इस ट्रेन का टेस्ट किया था।
एशिया में पहली हाईड्रोजन ट्रेन चलाने का श्रेय
उधर, चीन ने भी हाईड्रोजन ट्रेन चलाकर एशिया में पहली हाईड्रोजन ट्रेन चलाने का श्रेय हासिल कर लिया है। चीन हाईड्रोजन ट्रेन चलाने वाला विश्व का दूसरा देश है। चीन द्वारा चलाई जा रही हाइड्रोजन ट्रेन 600 किलोमीटर की दूरी एक बार फ्यूल भरने के बाद तय करती है। इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।