बीजेपी ने मंत्री नागेंद्र को बर्खास्त करने और सीबीआई जांच की मांग की थी।
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के मंत्री बी.नागेंद्र ने पद से इस्तीफा दे दिया है। नागेंद्र पर करोड़ों रुपये के अवैध धन ट्रांसफर का आरोप लगा है। बीजेपी ने मंत्री नागेंद्र को बर्खास्त करने और सीबीआई जांच की मांग की थी। उधर, 26 मई को निगम के अधीक्षक के सुसाइड नोट मिलने के बाद सिद्धारमैया सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया। सीआईडी के एडीजी मनीष खरबीकर इसको लीड करेंगे।
कर्नाटक में अवैध तरीके से धन ट्रांसफर का मामला 26 मई को सामने आने के बाद तूल पकड़ा। दरअसल, सरकार के अधीन निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखर पी. ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के बाद मिले उनके सुसाइड नोट में यह आरोप लगाया कि राज्य संचालित निगम के 187 करोड़ रुपये उनेके बैंक अकाउंट से अनधिकृत रूप से ट्रांसफर किए गए। इनमें से 88.62 करोड़ रुपये कथित रूप से प्रसिद्ध आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी बैंक के विभिन्न खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित किए गए।
सुसाइड नोट में चंद्रशेखर ने इस अवैध ट्रांसफर के लिए निगम के निलंबित प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगनवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम लिया था। चंद्रशेखर ने नोट में यह भी लिखा कि मंत्री ने फंड ट्रांसफर करने के लिए मौखिक आदेश दिया था।
26 मई को सुसाइड नोट सामने आने के बाद आया राजनैतिक तूफान
निगम के अधीक्षक चंद्रशेखर पी की आत्महत्या और उनके सुसाइड नोट से राज्य में राजनैतिक तूफान आ गया। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सिद्धारमैया सरकार पर आरोप लगाते हुए मंत्री बी.नागेंद्र को बर्खास्त करने की मांग करनी शुरू कर दी। हालांकि, राज्य सरकार ने बीते सप्ताह ही बेंगलुरू सीआईडी) के आर्थिक अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। एसआईटी जांच के बावजूद बढ़ रहे राजनैतिक दबाव के चलते बी.नागेंद्र ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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