कर्नाटक के स्कूली कोर्स से RSS संस्थापक हेडगेवार का चैप्टर होगा बाहर: राजीव चंद्रशेखर ने कहा-युवाओं के खिलाफ अपराध कर रही कांग्रेस

Published : Jun 09, 2023, 06:02 PM ISTUpdated : Jun 09, 2023, 06:24 PM IST
RSS founder Hedgewar

सार

नए शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि इस साल से ही स्कूली किताबों को संशोधित किया जाएगा। कांग्रेस सरकार के ऐलान के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हो गई है।

Karnataka school syllabus change: कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम को बदलने का ऐलान किया है। नए शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि इस साल से ही स्कूली किताबों को संशोधित किया जाएगा। हालांकि, कांग्रेस सरकार के ऐलान के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हो गई है। कांग्रेस एमएलसी बीके हरिप्रसाद ने दावा किया है कि नई सरकार स्कूली पाठ्यक्रम से कायर और नकली स्वतंत्रता सेनानी आरएसएस संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के चैप्टर को शामिल नहीं करेगी। इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह भारतीय इतिहास की विचित्र सेंसरिंग है। कर्नाटक में स्कूली पाठ्यपुस्तकों से आरएसएस संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के चैप्टर्स को कथित रूप से हटाना युवाओं के खिलाफ अपराध होगा।

बीजेपी बोली-राज्य सरकार माफी मांगे

बीजेपी ने आरएसएस संस्थापक हेडगेवार के चैप्टर को कोर्स से हटाने पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को इतिहास से छेड़छाड़ करने पर माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने किताबों के पाठ्यक्रम को रिव्यू करने को असहिष्णुता करार दिया है। कांग्रेस का यह कदम साबित करता है कि कांग्रेसी एक देशभक्त के खिलाफ असहिष्णु हैं। उन्हें वैचारिक रूप से विरोध करने का अधिकार है लेकिन उन्हें हेडगेवार की देशभक्ति पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है।

नए शिक्षा मंत्री बंगारप्पा ने कहा न्यूनतम बदलाव होगा कोर्स में ताकि बच्चों को न हो परेशानी

कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि इस साल से ही स्कूली किताबों को संशोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुरानी किताबों को वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन पूरक पाठ्यपुस्तकों को स्कूलों में इस निर्देश के साथ भेजा जाएगा कि क्या पढ़ाया जाए और क्या छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य के हित में संशोधन किए जा रहे हैं। छात्रों को असुविधा से बचने के लिए परिवर्तन न्यूनतम होंगे। शिक्षा मंत्री बंगारप्पा ने कहा कि तकनीकी समिति ने अभी तक इस बारे में कोई सिफारिश नहीं दी है कि क्या हटाया जाएगा या आगे बढ़ाया जाएगा। एक बार जब समिति अपनी सिफारिशें दे देती है तो उसे कैबिनेट में चर्चा करने के बाद अप्रूव कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम दस से पंद्रह दिन लगेंगे।

बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलावों को खत्म करने का वादा किया था। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किए गए बदलावों में भी आवश्यक संशोधन की बात कही गई थी।

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