अलुवा बलात्कार और हत्या के दोषी अशफाक आलम को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। जानिए अशफाक पर क्या आरोप लगाए गए हैं।
अलुवा। केरल में अलुवा बलात्कार और हत्या मामले में बाल दिवस पर कोर्ट ने अलुवा रेप एंड मर्ड केस में अपना फैसला सुना दिया। एर्नाकुलम POCSO कोर्ट ने अलुवा में पांच साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या के मामले में दोषी अशफाक आलम को आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी अशफाक पर पहले लगाए गए 13 आरोपों की पुष्टि भी की है।
4 नवंबर को कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया था
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 हत्या के अपराध से संबंधित है। इसके तहत जो भी हत्या करेगा उसे मौत या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा। अशफाक को कोर्ट ने सुनवाई के बाद 4 नवंबर को दोषी ठहराया था। मंगलवार को कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।
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दोषी अशफाक पर लगाए गए 13 आरोप
कोर्ट ने की 13 आरोपो की पुष्टि
कोर्ट ने पहले आरोपियों के खिलाफ प्रॉसीक्यूशन की ओर से लगाए गए 13 आरोपों की पुष्टि की है। इन आरोपों में हत्या, अपहरण, यातना, मानव शव के साथ अपमान, सबूत नष्ट करना और पॉक्सो अधिनियम के तहत तीन आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने अशफाक को सबूत नष्ट करने के लिए पांच साल, नाबालिग को नशीला पदार्थ खिलाने के लिए तीन साल, नाबालिग से रेप के लिए उम्रकैद और नाबालिग की हत्या और रेप के लिए मौत की सजा सुनाई है। प्रॉसीक्यूशन ने यह भी तर्क दिया कि जिस वर्ष बच्चे का जन्म हुआ उसी वर्ष दिल्ली में एक अन्य बच्चे के साथ दुष्कर्म करने वाला आरोपी मौत से कम किसी सजा का हकदार नहीं है।