एर्नाकुलम धमाका: IED के निशान मिले, टिफिन बॉक्स में बम लाने की संभावना

केरल के एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी के कन्वेंशन सेंटर में हुए धमाके के लिए IED इस्तेमाल किए जाने के निशान मिले हैं। ऐसी संभावना है कि बम टिफिन बॉक्स में छिपाकर लाए गए थे।

Vivek Kumar | Published : Oct 29, 2023 7:54 AM IST / Updated: Oct 29 2023, 02:28 PM IST

एर्नाकुलम। केरल के एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी के जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्जीबिशन सेंटर में रविवार सुबह धमाका हुआ। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कन्वेंशन सेंटर में आग लग गई। कुर्सियां यहां-वहां बिखर गए। तीन धमाके होने की सूचना मिली है। धमाके की जांच केरल पुलिस के साथ ही NIA द्वारा भी की जा रही है। NSG की टीम भी जांच के लिए आ रही है। 

इस बीच ऐसी जानकारी मिली है कि धमाका लो इंटेंसिटी का था। इसके लिए पहले से प्लानिंग की गई थी। विस्फोट IED (Improvised Explosive Device) से किया गया इसके निशान मिल रहे हैं। ऐसी संभावना है कि धमाके के लिए टिफिन बॉक्स में छिपाकर बम लाए गए थे। सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार विस्फोट पूरी प्लानिंग के साथ की गई। केरल के डीजीपी शेख दरवेश साहिब ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आईईडी का इस्तेमाल किया गया था।

छह घायलों की स्थिति गंभीर
केरल के विपक्ष के नेता और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष वीडी सतीसन ने मीडिया को बताया कि कन्वेंशन सेंटर में दो विस्फोट हुए, जिसके बाद आग लग गई। धमाके के चलते एक महिला की मौत हुई है। 37 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में भर्ती लोगों में कम से कम छह मरीजों की हालत गंभीर है।

क्या है IED?

IED का फुल फॉर्म Improvised Explosive Device है। ऐसे सभी डिवाइस को IED कहा जा सकता है जो धमाका करता हो और जिसे पहले से मौजूद किसी वस्तु को इम्प्रोवाइज कर बनाया गया हो। आतंकियों से लेकर नक्सलियों तक इनका इस्तेमाल धमाका करने के लिए किया जाता है। टिफिन बॉक्स से लेकर गैस सिलेंडर तक अलग-अलग तरह के सामान का इस्तेमाल IED बनाने में किया जाता है। दिखने में रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान की तरह दिखने के चलते इन्हें प्लांट करना आसान होता है। IED कितना शक्तिशाली होगा यह उसमें इस्तेमाल किए गए विस्फोटक और उसकी मात्रा पर निर्भर करता है।

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यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार आईईडी एक "घरेलू" बम या उपकरण है जिसका उपयोग धमाके लिए किया जाता है। ऐसे विस्फोटकों का इस्तेमाल आम तौर पर अपराधियों, उपद्रवियों, आतंकवादियों, आत्मघाती हमलावरों और विद्रोहियों द्वारा किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण मामलों के कार्यालय (UNODA) ने कहा है कि "आईईडी उत्पादन सरकारी नियंत्रण के बाहर होता है"।

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