केरल के बहुचर्चित नन रेप केस(Franco Mulakkal rape case) में आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल को मामले से बरी कर दिया गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय एक के न्यायाधीश जी गोपाकुमार की अदालत में इस केस की सुनवाई हुई। नन ने 28 जून, 2018 को पुलिस में मामला दर्ज कराया था। पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल को 21 सितंबर, 2018 में अरेस्ट किया गया था। इस मामले में अप्रैल, 2019 को चार्जशीट दाखिल की गई थी।
कोट्टयम(Kottayam).केरल के बहुचर्चित नन रेप केस (Franco Mulakkal rape case) में पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल को कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय एक के न्यायाधीश जी गोपाकुमार की अदालत में इस केस की सुनवाई हुई। नन ने 28 जून, 2018 को पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इस मामले में जालंधर के पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल आरोपी थे। इस मामले में 83 गवाहों और 30 से अधिक सबूतों के आधार पर सुनवाई हुई थी। आरोपी पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल को 21 सितंबर, 2018 में अरेस्ट किया गया था। इस मामले में अप्रैल, 2019 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। हालांकि 40 दिनों के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इस हाईप्रोफाइल मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कोट्टायम की अतिरिक्त सत्र न्यायालय(Kottayam Additional Sessions Court) में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बिशप ने अपने ऊपर लगे आरोपों को मानगढ़ंत बताया था। कोर्ट से बरी होने के बाद फ्रैंको ने कहा-भगवान का बड़प्पन है।
सेवर अवर सिस्टर फोरम की पहली प्रतिक्रिया
फ्रेंको मुलक्कल के बरी होने पर सेव अवर सिस्टर फोरम के संयुक्त संयोजक( joint convener, Save our Sister forum) शायजू एंटनी(Shyju Antony) ने दु:ख जताया है। उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है। 100 प्रतिशत हम कोई लीगल पॉसिबिलिटी नहीं छोड़ेंगे। आगे लड़ाई लड़ेंगे।
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2 साल में 14 बार किया रेप
केरल की नन के यौन शोषण मामले में जालंधर डायोसिस के पूर्व पादरी फ्रैंको मुल्लकल के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम(SIT) ने जांच की थी। टीम ने कोर्ट में 80 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें 83 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। साथ ही सबूत के तौर पर लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेडिकल टेस्ट समेत जमा किए गए थे। जून 2018 में एक नन ने रोमन कैथोलिक के जालंधर डायोसिस के तत्कालीन पादरी फ्रेंको मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। चार्जशीट में सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के कार्डिनल, मार जॉर्ज एलेनचेरी, तीन बिशप, 11 पुजारी और 22 नन के नाम शामिल हैं। फ्रैंको ने FIR रद्द कराने के लिए केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन दोनों कोर्ट ने मना कर दिया था।
हिमाचल प्रदेश के गेस्ट हाउस में किया था सबसे पहले रेप
पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि फ्रेंको ने सबसे पहले 2014 में हिमाचल प्रदेश के एक गेस्ट हाउस में उसका यौन शोषण किया था। आरोपी ने 2 साल में 14 बार रेप किया। हालांकि 3 साल पहले पीड़िता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। इसके बाद यह मामला और गहराया गया।
चैट और वीडियो कॉल भी करते थे
नन आरोपी से बेहद डरी हुई थी। उसने पुलिस को बताया था कि बिशप 2 सालों यानी 2015 से 2017 तक चैट और वीडियो कॉल करते थे। वो बिशप से डरी हुई थी, इसलिए चुप रही। सितंबर, 2018 में नन ने अपनी गवाही में कहा था कि 2017 में जब बिशप कॉन्वेंट(धार्मिक आवास) में घूम रहे थे, तब वो अंदर थी। इस दौरान बिशप ने उसे गले लगाया और चूमा।
जानिए कब क्या हुआ
28 जून, 2018-केरल की नन ने मुलक्कल पर बलात्कार का आरोप लगाया और केरल पुलिस में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत शिकायत दर्ज की गई।
नन ने आरोप लगाया कि केरल के कोट्टायम जिले में नन के कॉन्वेंट के दौरे के दौरान मुलक्कल ने 2014 और 2016 के बीच 13 बार उसके साथ बलात्कार किया। पांच अन्य नन ने भी मुलक्कल पर उनके खिलाफ यौन दुराचार का आरोप लगाया।
5 जुलाई 2018- मामले में बंद कमरे में नन का बयान हुआ।
7 जुलाई, 2018 - राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले की जांच की मांग उठाई
25 जुलाई, 2018 - नन के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि उन्हें एक दोस्त के माध्यम से केस वापस लेने के लिए एक बड़ा प्रस्ताव मिला है।
30 जुलाई, 2018 - कुराविलंगड पुलिस ने फोन करने वाले पुजारी फादर जेम्स एर्थायिल के खिलाफ मामला दर्ज किया।
7 अगस्त, 2018 - केरल उच्च न्यायालय ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका पर सरकार से जवाब मांगा।
8 अगस्त 2018 - एसआईटी बिशप फ्रैंको से पूछताछ करने जालंधर पहुंची। मिशन के कार्यालय में काम करने वाली ननों के बयान दर्ज किए गए।
11 सितंबर, 2018 - पीड़िता ने भारत में वेटिकन के राजदूत को पत्र लिखकर न्याय सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।
20 सितंबर, 2018 - पोप फ्रांसिस ने फ्रेंको मुलक्कल को उनके कर्तव्यों से मुक्त किया
21 सितंबर, 2018 - फ्रेंको को तीन दिन की पूछताछ के बाद केरल के त्रिपुनिथुरा अपराध शाखा पुलिस स्टेशन ने गिरफ्तार किया।
24 सितंबर, 2018 - फ्रेंको ने जमानत अर्जी दाखिल की। लेकिन बाद में इसे खारिज कर दिया गया।
15 अक्टूबर, 2018 - फ्रेंको को केरल उच्च न्यायालय ने जमानत दी। कोर्ट ने बिशप को दो हफ्ते में एक बार जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया। उन्हें देश न छोड़ने का भी निर्देश दिया गया था और केरल में प्रवेश करने से मना कर दिया गया था।
9 अप्रैल, 2019 -चार्जशीट मजिस्ट्रेट के सामने पेश की गई।
20 जनवरी, 2020 - फ्रेंको ने बिना किसी मुकदमे के मामले में आरोपमुक्त करने के लिए एक याचिका दायर की।
16 मार्च, 2020 - मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश -1 द्वारा फ्रेंको की याचिका खारिज कर दी गई।
7 जुलाई, 2020 - केरल उच्च न्यायालय ने भी फ्रेंको की अपील को खारिज कर दिया।
13 जुलाई, 2020 - अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने फ्रेंको की जमानत रद्द कर दी और गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
25 अगस्त, 2020 - सुप्रीम कोर्ट ने फ्रेंको की याचिका खारिज कर दी।
7 अगस्त, 2020 - फ्रेंको मुलक्कल को कोट्टायम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने दूसरी बार जमानत दी।
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