वायनाड में मौतों की संख्या पर राज्यपाल का दावा, अभी मिले शव भूस्खलन वाले नहीं

मंगलवार 30 जुलाई की सुबह वायनाड के मेप्पाडी के पहाड़ी इलाका में तीन घंटे के भीतर चार बड़े भूस्खलन ने हर ओर तबाही मचा दी। आपदा की वजह से 250 से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 1, 2024 2:31 PM IST / Updated: Aug 01 2024, 08:30 PM IST

Kerala Governor on Wayanad massive landslides: केरल के वायनाड में भूस्खलन से हुई भारी तबाही का अभी तक सही आंकलन नहीं हो सकता है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दावा किया है कि रेस्क्यू टीम अभी तक लैंडस्लाइड से सबसे अधिक प्रभावित बस्तियों में नहीं पहुंच सकी हैं। उन्होंने बताया कि 200 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। अब तक बरामद किए गए शवों में से अधिकांश उस गांव से हैं जो चालियार नदी के अपना मार्ग बदलने के कारण तबाह हो गया था।

नदी ने जिस गांव को तबाह किया, मिल रहे शव वहीं के

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केरल के राज्यपाल ने बताया कि चालिगार नदी ने लैंडस्लाइड के बाद अपना मार्ग बदल दिया है। इसकी वजह से एक और गांव पूरी तरह से तबाह हो चुका है। जो शव बरामद हो रहे वह नदी से तबाह हुए गांव के हैं। रेस्क्यू टीम तो अभी तक उन गांवों तक पहुंच नहीं सकी है जो भूस्खलन की वजह से तबाह हुए हैं। उन्होंने बताया कि सेना की इंजीनियरिंग यूनिट एक पोर्टेबल ब्रिज बना रही है। उसके बन जाने के बाद रेस्क्यू टीमें अंदर जा सकेगी और तबाही का सही-सही आंकलन हो सकेगा। राज्यपाल ने दावा किया कि अभी तक तबाही वाली जगह पर रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच सकी है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित हुआ क्षेत्र कोई सुदूरवर्ती गांव नहीं बल्कि पहाड़ी क्षेत्र है। यह एक शहरी क्षेत्र का हिस्सा है। यह 100 साल पुरानी बस्ती है।

अमित शाह के दावे पर नहीं दी प्रतिक्रिया

भूस्खलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने आपदा आने के कुछ दिनों पहले ही केरल को भूस्खलन की चेतावनी दे दी थी। शाह के दावे को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि केंद्र की चेतावनी त्रासदी के कुछ घंटों बाद आई थी।

इस सवाल के जवाब में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मैं उस मुद्दे पर बात करने की स्थिति में नहीं हूं। यह लोगों के दुख को साझा करने, मरीजों, उनके रिश्तेदारों से मिलने का समय है। अगर गृह मंत्री कह रहे हैं कि चेतावनी जारी की गई थी तो मुझे इस पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।

दरअसल, मंगलवार 30 जुलाई की सुबह वायनाड के मेप्पाडी के पहाड़ी इलाका में तीन घंटे के भीतर चार बड़े भूस्खलन ने हर ओर तबाही मचा दी थी। भूस्खलन से सबसे अधिक तबाही मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में मची है। इस आपदा में 250 से अधिक मौतें हुई हैं।

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