Vizhinjam Port : जानें विझिनजाम पोर्ट से भारत को 5 फायदे

Published : May 02, 2025, 01:11 PM IST

Vizhinjam Port: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 2 मई को केरल के तिरुवनंतपुरम में 8,900 करोड़ की लागत से बने विझिनजाम इंटरनेशनल डीप सी-वाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट का उद्घाटन किया। आइए जानते हैं इस पोर्ट की खासियत और इससे भारत को होने वाले 5 फायदे 

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विझिनजाम इंटरनेशनल डीप सी-वाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट क्यों खास

विझिनजाम इंटरनेशनल डीप सी-वाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट भारत का पहला सेमी ऑटोमैटिक ट्रांस शिपमेंट पोर्ट है। इसे देश के समुद्री व्यापार को बढ़ाने और ग्लोबल लेवल पर मजबूत बनाने के लिए बनाया गया है।

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विझिनजाम पोर्ट: बड़े जहाजों के लिए शॉर्टकट वाला पोर्ट

यह सी-पोर्ट इंटरनेशनल शिपिंग मार्ग से सिर्फ 10 नॉटिकल मील यानी 19 किलोमीटर दूर है। इसके कारण बड़े जहाजों के रास्ते से ज्यादा हटना नहीं पड़ता है, जो समय बचाता है। यह यूरोप, मध्य पूर्व और सुदूर पूर्व के बीच व्यापार के लिए सबसे अच्छा पोर्ट बताया जा रहा है।

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Vizhinjam Port: गहराई इतनी कि बड़े से बड़ा जहाज आ जाए

इस पोर्ट के पास प्राकृतिक तौर से 20 से 24 मीटर गहरा समुद्र है, जो दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाजों को भी संभाल सकता है। इसकी वजह ड्रेजिंग यानी समुद्र की गहराई बढ़ाने की जरूरत भी काफी कम है। इससे रखरखाव का खर्चा भी कम आता है।

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भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट

यहां बड़े जहाज से माल उतारकर छोटे जहाजों में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है। अभी तक भारत को ऐसा काम करने के लिए श्रीलंका या सिंगापुर भेजना पड़ता था। अब वही काम देश में ही होगा – पैसा बचेगा और विदेशी पोर्ट पर निर्भरता भी खत्म होगी।

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भारत का सबसे ऑटोमैटिक पोर्ट

इस पोर्ट में एडवांस मशीनें, क्रेन और ऑटोमैटिक सिस्टम होंगे। कंटेनर उठाने, रखने और ट्रैक करने की सुविधा भी डिजिटल होगी। पहले फेज में 1 मिलियन TEU (कंटेनर यूनिट) का काम होगा, बाद में 6.2 मिलियन तक बढ़ाया जाएगा।

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विझिनजाम पोर्ट से भारत को 5 फायदे
  1. केरल और भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
  2. हजारों नौकरियां पैदा होंगी
  3. व्यापार बढ़ेगा और निवेश आएगा
  4. साउथ इंडिया के लिए पोर्ट ग्लोबल बिजनेस का गेटवे बन सकता है।
  5. ग्लोबल बिजनेस में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

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