
नई दिल्ली. किसान आंदोलन का धीरे-धीरे राजनीतिकरण होता जा रहा है। राजस्थान में कांग्रेस की पंचायत के बाद अब आम आदमी पार्टी(AAP) भी अब सड़क पर उतरने जा रही है। आप ने यूपी के मेरठ में 28 फरवरी को किसान पंचायत का ऐलान किया है। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसान नेताओं से मुलाकात की। आप ने 21 फरवरी(रविवार) को सिविल लाइन्स स्थित दिल्ली विधानसभा में किसानों की एक बैठक बुलाई थी।
इस बैठक में चुनावी रणनीति के तहत पश्चिमी उत्तरप्रदेश के किसान नेताओं को खासतौर पर बुलाया गया था। बैठक में कृषि कानूनों के अलावा, गन्ना किसानों का दाम नहीं बढ़ाने, बिजली 3 गुना महंगी करने के साथ ही स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में 10 जिलों के किसान नेता शामिल हुए। बैठक में उत्तर प्रदेश की कई खाप पंचायतों के नेता ब्रज पाल चौधरी, यश पाल चौधरी, सुभाष चौधरी, रोहित जाखड (जाट महासभा), ब्रज वीर सिंह (अहलावत खाप), राकेश सहरावत (सहरावत खाप), ओमपाल सिंह (काकरान खाप), बिल्लु प्रमुख (गुलिया खाप), ऊधम सिंह, किसान नेता कुलदीप त्यागी और पूरण सिंह भी शामिल हुए।
आप ने किया आंदोलन का ऐलान
अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के अलग-अलग संगठनों से मिलने का फैसला किया है। बता दें कि दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले 3 महीने से धरने पर बैठे हैं। केजरीवाल पहले भी धरनास्थल पर जाकर किसानों से मिल चुके हैं। उन्होंने आंदोलन का समर्थन किया है। आप ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान किया था। आप इसी के मद्देनजर 28 फरवरी को मेरठ में किसान पंचायत करने जा रही है। आप नेता संजय सिंह के मुताबिक, आप किसानों के साथ है।
26 जनवरी को दिल्ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन बिखरते दिखाई दे रहा था, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद आंदोलन में जान आ गई थी। इससे पहले टिकैत के समर्थन में 29 जनवरी को मुजफ्फरनगर में किसान पंचायत हुई थी। इसमें संजय सिंह शामिल हुए थे। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने जाकर टिकैत से मुलाकात की थी।
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