भारत के इस पहाड़ पर 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां, जानें कहां है ये जगह और क्यों है चर्चा में

पूर्वोत्तर भारत के अंगकोरवाट के नाम से मशहूर उनाकोटि (Unakoti) की मूर्तियों को वर्ल्ड हेरिटेज टैग मिल सकता है। इसे विश्व धरोहर घोषित कराने की कोशिशें तेज हो गई हैं। कहा जाता है कि त्रिपुरा में रघुनंदन हिल्स पर स्थित इस पहाड़ पर 100-200 नहीं बल्कि 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं।

Ganesh Mishra | Published : Dec 11, 2022 3:21 PM IST

Unakoti: पूर्वोत्तर भारत के अंगकोरवाट के नाम से मशहूर उनाकोटि (Unakoti) की मूर्तियों को वर्ल्ड हेरिटेज टैग मिल सकता है। इसे विश्व धरोहर घोषित कराने की कोशिशें तेज हो गई हैं। कहा जाता है कि त्रिपुरा में रघुनंदन हिल्स पर स्थित इस पहाड़ पर 100-200 नहीं बल्कि 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं। माना जाता है कि ये मूर्तिंया 8वीं सदी के आसपास उकेरी गई हैं। इन मूर्तियों को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए पुरातत्व विभाग (ASI) और त्रिपुरा सरकार मिलकर प्रयास कर रही हैं। 

अंगकोरवाट की तरह हैं मूर्तियां : 
बता दें कि रघुनंदन हिल्स स्थित पहाड़ पर बनी मूर्तियां कंबोडिया के अंगकोरवाट में बनी मूर्तियों की तरह हैं। बता दें कि जगह का नाम उनाकोटि इसलिए पड़ा, क्योंकि बंगाली में उनाकोटि का मतलब होता है एक करोड़ से एक कम। यानी 99 लाख, 99 हजार 999। हालांकि, यहां कि कई मूर्तियां देखरेख में कमी के चलते खराब होने लगी हैं। पहाड़ी में होने की वजह स बरसात के दिनों में यहां कई मूर्तियों के उपर से झरने बहते हैं। 

उनाकोटि में मिलीं दो तरह की मूर्तियां : 
त्रिपुरा की सरकार उनाकोटि स्थित इन मूर्तियों के आसपास पर्यटन स्थल विकसित करने जा रही है। यहां दो तरह की मूर्तियां हैं। पहली पहाड़ों पर उकेरी गई और दूसरी पत्थरों को काटकर बनाई गई मूर्तियां। यहां भगवान शिव के अलावा गणेश भगवान की विशाल मूर्ति भी है। शिव जी की मूर्ति करीब 30 फीट ऊंची है। भगवान शिव की मूर्ति के पास ही नंदी बैल की तीन मूर्तिया भी हैं। 

कहां स्थित है उनाकोटि?
उनाकोटि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित है। उनाकोटी को रहस्यों से भरी जगह इसलिए कहते हैं, क्योंकि ये एक पहाड़ी इलाका है, जहां चारों ओर दूर-दूर तक घने जंगल हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इतने घने जंगल में किसने लाखों मूर्तियों को बनाया होगा। पत्थरों पर मूर्तियां बनाना कोई आसान काम नहीं है, इसमें सालों लगते हैं। ऐसे में ये जगह आज भी एक रहस्य है।

तो क्या इस वजह से बनी मूर्तिंयां : 
मान्यता है कि काशी की ओर जाते समय भगवान शिव ने यहां पर एक रात गुजारी थी। उस वक्त उनके साथ 99 लाख 99 हजार 999 देवी-देवता भी थे। वो सब यहीं रुके थे। भगवान शिव ने सभी से कहा था कि सूर्योदय से पहले हमें काशी के लिए निकलना है। लेकिन भगवान शिव के अलावा सभी सोते रहे। इससे क्रोधित होकर शिवजी ने सभी को पत्थर बनने का शाप दे दिया और तभी से सब लोग यहां पत्थर बन गए। 

मूर्तियों को लेकर ये कहानी भी प्रचलित : 
उनाकोटि में मूर्तियों को लेकर एक और कहानी प्रचलित है। इसके मुताबिक, कालू नाम का एक शिल्पकार था, जो भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत जाने का इच्छुक था। शिल्पकार के बार-बार कहने के बाद शिवजी ने उसके सामने एक शर्त रखी। उन्होंने कहा-अगर तुम एक रात में एक करोड़ देवी-देवताओं की मूर्तियां बना दोगे तो तुम्हें अपने साथ ले जाएंगे। ये सुनते ही कालू मूर्तियां बनाने में जुट गया। उसने पूरी रात मूर्तियां बनाईं, लेकिन सुबह जब इन्हें गिना गया तो इनमें 1 करोड़ में एक मूर्ति कम थी। इसके बाद भगवान शिव कालू को अपने साथ नहीं ले गए। कहते हैं कि इसके बाद ही इस जगह का नाम उनाकोटि यानी एक करोड़ में एक कम पड़ गया। 

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