कोलकाता रेप मर्डर केस: कौन हैं कबिता सरकार, क्या बचा पाएंगी आरोपी संजय रॉय को

Published : Aug 25, 2024, 02:29 PM ISTUpdated : Aug 25, 2024, 02:30 PM IST
kabita sarkar

सार

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मुख्य आरोपी संजय रॉय का केस कबिता सरकार लड़ रही हैं। जानते हैं, कौन हैं कबिता सरकार और क्या संजय रॉय को बचा पाएंगी?

Who is Kabita Sarkar: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मुख्य आरोपी संजय रॉय को फांसी देने की मांग जोर पकड़ रही है। बता दें कि संजय रॉय का केस लड़ने के लिए जब कोई वकील तैयार नहीं हुआ तो सियालदह की अदालत ने ये जिम्मा कबिता सरकार को सौंपा। जानते हैं, कौन हैं कबिता सरकार और क्या संजय रॉय को बचा पाएंगी?

कौन हैं कबिता सरकार?

52 साल की कबिता सरकार पेशे से वकील हैं। वे पिछले 25 साल से बतौर लॉयर काम कर रही हैं। कबिता सरकार ने हुगली मोहसिन कॉलेज से लॉ में डिग्री ली। बाद में उन्होंने अलीपुर की अदालत से अपने करियर की शुरुआत की और छोटे-मोटे केस लड़े। लंबे समय तक काम करने के बाद कबिता सरकार ने 2023 से स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के वकील के तौर पर काम शुरू किया। ये संस्था गरीब और असहाय लोगों का केस लड़ने के लिए वकील उपलब्ध कराती है।

सजा-ए-मौत के पक्ष में नहीं कबिता सरकार

कोलकाता रेप मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय की वकील कबिता सरकार मौत की सजा के समर्थन में नहीं हैं। उनका कहना है कि मेरे हिसाब से उम्रकैद सबसे बड़ी सजा है। अपराधी को उसकी पूरी लाइफ में किए जाने वाले गलत काम का प्रायश्चित करने का मौका मिलना चाहिए।

कोर्ट ने कबिता सरकार को ही क्यों दी जिम्मेदारी

कोर्ट ने आखिर कबिता सरकार को ही संजय रॉय का केस लड़ने की जिम्मेदारी क्यों सौंपी, ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। बता दें कि सियालदह कोर्ट में जब कोई भी वकील आरोपी संजय रॉय का केस लड़ने को राजी नहीं हुआ तो अदालत ने कबिता सरकार को ये जिम्मा सौंपा। उन्हें ही ये केस देने के पीछे एक वजह ये भी है कि कबिता पश्चिम बंगाल स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी की एकमात्र वकील हैं।

पहले भी आरोपियों को बचाने की जिम्मेदारी उठा चुके वकील

बता दें कि ये पहला मौका नहीं है, जब किसी आरोपी का केस लड़ने से इनकार कर चुके वकीलों के बाद किसी दूसरे को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले हुए हैं।

1- अफजल गुरू का केस

13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरू का केस मशहूर वकील राम जेठमलानी और एपी सिंह ने लड़ा था। हालांकि, 2013 में अफजल गुरू को फांसी पर लटका दिया गया था।

2- कसाब का केस

2008 में मुंबई हमले के आरोपी आमिर अजमल कसाब का केस लड़ने के लिए महाराष्ट्र स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी ने दो वकीलों अमीन सोलकर और फरहाना शाह को जिम्मेदारी सौंपी थी।

3- निर्भया रेप केस

दिसंबर, 2012 में दिल्ली के निर्भया रेप केस में सभी वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद एपी सिंह ने इस केस में आरोपियों की तरफ से पैरवी की। हालांकि, लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद मार्च, 2020 में निर्भया के 4 आरोपियों को फांसी दी गई।

ये भी देखें : 

Kolkata Rape Murder Case: बेटे की करतूतों से बिलख पड़ी मां, बोली-उनके जाते ही सब बिखर गया

PREV

Recommended Stories

हुमायूं कबीर कौन, जिन्होंने बाबरी मस्जिद के लिए इकट्ठा किया करोड़ों का चंदा
Indigo Crisis Day 7: इंडिगो ने दिया ₹827 करोड़ का रिफंड, यात्रियों को लौटाए 4500 बैग