Land Scam : प्रवीण राउत की कंपनी गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHDA) के साथ गोरेगांव में पात्रा चॉल में लैंड पार्सल के पुनर्विकास के लिए डील की थी। इसके तहत चॉल में रहने वाले लोगों और MHDA को फ्लैट दिए जाने थे, लेकिन गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ये फ्लैट बिल्डर्स को बेच दिए।
मुंबई। शिवसेना सांसद (Shivsena MP) संजय राउत (Sanjay Raut) के करीबी सहयोगी और व्यवसायी प्रवीण राउत को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 1,034 करोड़ रुपए के जमीन घोटाले (Land Scam Case) केस में गिरफ्तार किया गया है। ईडी की टीम ने मंगलवार को भी प्रवीण के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद उन्हें ईडी के दक्षिण मुंबई स्थित दफ्तर लाया गया था। यहां उनसे कई घंटे चली पूछताछ के बाद बुधवार को आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में सहयोग न करने पर गिरफ्तारी
प्रवीण राउत एचडीआईएल की सहयोगी कंपनी गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों में से एक है। ईडी सूत्रों का कहना है कि राउत लगातार ईडी को जांच में सहयोग से इंकार कर रहे थे। इसी वजह से उनकी गिरफ्तारी की गई है।
बताया जाता है कि रियल एस्टेट से जुड़े इस घोटाले में एक करोड़ रुपए से अधिक के गबन का आरोप है।
PMC बैंक घोटाले में संजय राउत की पत्नी के साथ जुड़ा नाम
दिसंबर 2020 में PMC bank scam case सामने आया था। इसकी जांच में प्रवीण का शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी से कनेक्शन सामने आया था। जांच एजेंसी को पता चला था कि प्रवीण की पत्नी माधुरी ने 2010 में शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था। इसका इस्तेमाल मुंबई के दादर में एक फ्लैट खरीदने में किया गया था। ईडी इन रुपयों के स्रोत का पता लगा रही है।
चॉल में रहने वाले लोगों और MHDA के फ्लैट निजी बिल्डर्स को बेचे
प्रवीण राउत के साथ एचडीआईएल के प्रमोटर सारंग और राकेश वधावन भी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन में निदेशक थे। 2018 में, मुंबई पुलिस ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध विंग) ने वधावन और अन्य के खिलाफ म्हाडा प्राधिकरण और पात्रा चॉल के निवासियों को धोखा देने के आरोप में मामला दर्ज किया था। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHDA) के साथ गोरेगांव में पात्रा चॉल में लैंड पार्सल के पुनर्विकास के लिए डील की थी। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को 3000 से अधिक फ्लैटों का निर्माण करना था, इनमें से लगभग 672 पात्रा चॉल में रहने वाले लोगों को मिलने थे, जबकि बाकी फ्लैट म्हाडा और गुरुआशीष के पास जाने थे। आरोप है कि कंपनी ने फ्लैट नहीं बनाए और MHADA और पात्रा चॉल में रहने वाले लोगों के साथ ठगी करते हुए इस जमीन को 1034 रुपए में अन्य बिल्डर्स को बेच दी।
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