सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को लोन मोराटोरियम पर कठोर फैसला लेने के लिए आख़िरी 2 हफ़्ते का समय दिया है। गुरुवार को जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि मोराटोरियम पर फैसला लेने के लिए आरबीआई और केंद्र सरकार को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को लोन मोराटोरियम पर कठोर फैसला लेने के लिए आख़िरी 2 हफ़्ते का समय दिया है। गुरुवार को जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि मोराटोरियम पर फैसला लेने के लिए आरबीआई और केंद्र सरकार को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है।
हालांकि लोगों को बड़ी राहत देते हुए कोर्ट ने लोन मोराटोरियम की अवधि को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, इस अवधि तक बैंक किसी भी लोन की किस्त न चुकाने वाले व्यक्ति पर नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) लागू नहीं करें। अब इसकी अगली सुनवाई 28 सितंबर को होनी है।
बैंकों और हितधारकों केंद्र कर रहा है बात
अपनी दलील में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले को लेकर वह बैंकों और अन्य हितधारकों से बातचीत कर रहा है। इस मामले के परीक्षण के साथ इस संबंध में 3 बार बैठक हो चुकी है। कोर्ट ने केंद्र से ब्याज पर ब्याज नहीं वसूलने वाली याचिका पर भी विचार करने को कहा है।
31 अगस्त को खत्म हुई सुविधा
कोरोना संक्रमण के बीच आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को देखते हुए मार्च में तीन महीने के लिए मोराटोरियम सुविधा दी थी। यह सुविधा 1 मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए लागू की गई थी लेकिन बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 6 महीने का कर दिया था जो अब 31 अगस्त को खत्म हुई।