केरल के तिरुवनंतपुरम की एक अदालत आज(5 दिसंबर) को आयरलैंड में रहने वाली 33 वर्षीय लातवियाई महिला लिगा स्क्रोम्ने के रेप और मर्डर के दोनों आरोपियों को सजा सुनाएगी। शुक्रवार (2 दिसंबर) को इस मामले में दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया था। पढ़िए लिगा की बहन लिजा की इमोशनल कहानी...
तिरुवनंतपुरम(Thiruvananthapuram). केरल के तिरुवनंतपुरम की एक अदालत द्वारा आज(5 दिसंबर) आयरलैंड में रहने वाली 33 वर्षीय लातवियाई महिला लिगा स्क्रोम्ने(Latvian woman Liga Skromne) के रेप और मर्डर के दोनों आरोपियों को सजा सुनाने से पहले मृतका की बहन भावुक हो उठी। शुक्रवार (2 दिसंबर) को इस मामले में दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया था। लिजा की बहन इल्जा स्क्रोमाने(Ilza Skromane) दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा की प्रार्थना करते दिखीं। इल्जा आयरलैंड के कॉर्क शहर में अपना ब्यूटी पॉर्लर चलाती हैं। पढ़िए पूरा मामला...
1.onmanorama.com ने लिजा का एक इंटरव्यू पब्लिश किया है। इसमें लिखा गया कि लिगा ने ही लिजा को उनके ब्यूटी पॉर्लर का नाम ब्यूटी क्राइम(Beauty Crime) सजेक्ट किया था। यह 2014 में ओपन हुआ था। ब्यूटी पार्लर की टैगलाइन है-कमिट टू समथिंग ब्यूटीफुल-Commit to something beautiful. 2018 की त्रासदी के बाद इल्जा को अपने कामकाज से छुट्टी लेनी पड़ी और उसके बाद हुए COVID-19 संकट ने स्थिति को और खराब कर दिया। यह संयोग है कि ब्यूटिफुल लिजा एक क्राइम का शिकार बन गईं। (तस्वीर में लेफ्ट से लिजा और मृतका लिगा)
2.लिगा स्क्रोम्ने (Liga Skromne) आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के लिए फरवरी 2018 में तिरुवनंतपुरम के कोवलम आई थी। एक महीने बाद 18 मार्च को वह लापता हो गई थी, जिसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
3. उसके लापता होने के एक महीने से अधिक समय तक खोज जारी रही। अप्रैल 2018 में कोवलम के पास थिरुवल्लम में एक मैंग्रोव(mangrove) फॉरेस्ट से उसका क्षत-विक्षत, कटा हुआ शरीर बरामद किया गया था।
4. इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया था। बाद में उनमें से दो यानी उमेश और उदयन को अरेस्ट किया था। हालांकि, दोनों आरोपियों को जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
5.इल्जा ने अपनी बहन के रेप और मर्डर के दोषियों को सजा दिलाने दोस्तों की मदद से कानूनी लड़ाई लड़ी। एक लंबी लड़ाई के बाद इल्जा को न्याय मिला है।
6.इल्जा ने मामले के बारे में मनोरमा ऑनलाइन से बात करते हुए कहा-"मैं फैसले से वास्तव में खुश हूं। भगवान ने हमारी प्रार्थना सुनी। भगवान ने मुझे और हमारे परिवार को इस मामले की सफलता के लिए काम करने वाले हर किसी को आशीर्वाद दिया है।"
7. लिजा ने कहा-"हमें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2018 में भारत से आयरलैंड लौटने के बाद, मैं मामले को आगे बढ़ाने के लिए फिर से यहां आना चाहता थी। हालांकि, मेरा व्यवसाय ठप होने के कारण, मैं यात्रा नहीं कर सकी। फिर कोरोना महामारी ने पीछे नहीं छोड़ा।"
8.लिजा ने 2021 वीजा लेकर केरल पहुंची थीं। इसके बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लिजा मानती हैं कि वे दिन कठिन थे। 2021 में मैंने वीजा लिया और केरल पहुंच गया। इसके बाद हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वे दिन कठिन थे। लिजा को ट्रायल के इंतजार में नौ महीने केरल में बिताने पड़े। इससे उनके ब्यूटी पॉर्लर का कामकाज जैसे ठप हो गया।
9. लिजा के अनुसार, इस बीच लातविया में उनकी दादी का निधन हो गया। वे लिगा और लिजा दोनों के बहुत करीब थीं। उन्हें बुरी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लिहाजा लिजा को केरल से वापस लातविया भागना पड़ा। लिजा के वहां पहुंचने के तुरंत बाद उनकी दादी का निधन हो गया। इसके बाद लिजा फिर अपना काम-धंध और परिवार छोड़कर केरल आ गईं।
10. लिजा कहती हैं-"जिस दिन लिगा का शव मिला और जिस दिन उसका अंतिम संस्कार किया गया; वह हमेशा मेरी यादों में रहेगा। मैं उस जगह का दौरा करना चाहती थी, जहां शव मिला था। हालांकि, मैं वहां नहीं गई, क्योंकि स्थानीय लोगों ने मुझे बताया कि यह एक सुनसान इलाका है।"
11. लिगा के शरीर के अवशेष लिजा के जन्मदिन पर बरामद किए गए थे। लिजा ने कहा-"मैंने उसे फिर से देखने के लिए प्रार्थना की थी, चाहे वह मृत हो या जीवित। वह प्रार्थना दर्दनाक तरीके से पूरी हुई।"
12. लिजा ने कहा-"मैं लिगा का अंतिम संस्कार लातवियाई प्रथा के अनुसार फूल चढ़ाकर और उनके पसंदीदा गाने बजाकर करना चाहती थी। लेकिन तिरुवनंतपुरम के थाइकौड में शांति कवादम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इतने सारे लोगों की भीड़ जमा हो गई और मैं उसके शरीर के पास तक नहीं जा सकी। उसके दाह संस्कार के बाद दो दिन तक मैंने रोना बंद नहीं किया।"
13. लिजा ने कहा-"इससे पहले लिगा की खोज के दौरान, हमने केरल और तमिलनाडु के कई गांवों का दौरा किया था। हम जहां भी गए, गांव मित्रवत थे, भोजन और पानी के साथ हमारा स्वागत कर रहे थे। मैं ऐसे अनुभवों को नहीं भूल सकती।"
14. इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया था। बाद में उनमें से दो यानी उमेश और उदयन को अरेस्ट किया था। हालांकि, दोनों आरोपियों को जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
15. इस साल जून में, तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में फोरेंसिक की पूर्व प्रमुख डॉ. शशिकला ने अदालत के सामने गवाही दी कि महिला की मौत आत्महत्या से नहीं हुई थी। उसने कहा कि चोटें स्पष्ट रूप से हत्या का मामला दर्शाती हैं।
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