One Nation-One Election proposal: वन नेशन-वन इलेक्शन कराने के लिए मंगलवार को केंद्र सरकार ने विवादास्पद बिल पेश किया। लंबे समय से प्रस्तावित इस बिल को मंगलवार को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पेश किया। कानून मंत्री ने आश्वस्त किया कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव, चुनावी सुधार का हिस्सा है। इससे संविधान के साथ नुकसान या छेड़छाड़ नहीं होगी।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा को बताया कि चुनावी सुधारों के लिए कानून लाए जा सकते हैं। यह विधेयक चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाने की प्रक्रिया के साथ जुड़ा हुआ है जिसे सिंक्रनाइज़ किया जाएगा। इस विधेयक के माध्यम से संविधान को कोई नुकसान नहीं होगा। संविधान के मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
मेघवाल ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति, जिसे 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव को वास्तविकता बनाने के तरीकों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया था, ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले विभिन्न विपक्षी दलों सहित कई स्टेकहोल्डर्स से परामर्श किया था। हम राज्यों की शक्तियों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिल को सबसे पहले जेपीसी को भेजा जाएगा।
लोकसभा में पेश किए गए संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक 2024 में लोक सभा और सभी विधान सभाओं के निर्वाचन एक साथ कराया जा सकता है। विधेयक एक नए अनुच्छेद 82क (लोक सभा और सभी विधान सभाओं के एक साथ निर्वाचन) को स्थापित करने तथा अनुच्छेद 83 (संसद् के सदनों की अवधि), अनुच्छेद 172 (राज्यों के विधान मंडलों की अवधि) तथा अनुच्छेद 327 (विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति) का संशोधन करने का प्रस्ताव करता है।
इसके अनुसार, हर पांच साल पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। अगर कोई सरकार अवधि के पहले ही विघटित होती है तो उसका गठन शेष अवधि के लिए ही होगा। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, पहले चरण में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे तो दूसरे चरण में नगर पालिकाओं, पंचायतों को एक साथ कराए जाएंगे। पहले चरण का चुनाव बीतने के 100 दिनों के अंदर पंचायत व निकाय चुनाव पूरे कर लिए जाएंगे। इस संशोधन के बाद पूरे देश में एक ही वोटर लिस्ट प्रभावी होगी।
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