लेबनान Pager Blast: भारत पर Online War का खतरा!

लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट के बाद, साइबर एक्सपर्ट डॉ. अनंत प्रभु ने चेतावनी दी है कि भारत भी इसी तरह के ऑनलाइन हमलों का शिकार हो सकता है। उन्होंने कहा कि दुश्मन देश आयातित इलेक्ट्रॉनिक सामानों का उपयोग करके भारत पर हमला कर सकते हैं।

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 18, 2024 11:00 AM IST

हाल ही में लेबनान के एक बाजार में हुए पेजर ब्लास्ट में 11 आतंकी मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। इस घटना के बाद, साइबर एक्सपर्ट डॉ. अनंत प्रभु ने चेतावनी दी है कि भारत पर भी इसी तरह के हमलों का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशों से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक सामानों के जरिए दुश्मन देश भारत पर हमला कर सकते हैं।

लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट के बाद पूरी दुनिया में ऑनलाइन युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। दुश्मन देश भारत के खिलाफ भी ऑनलाइन युद्ध छेड़ सकते हैं और इसके लिए वे विदेशों से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक सामानों का इस्तेमाल कर सकते हैं। डॉ. प्रभु ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अपील की है कि वे विदेशों से आने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों की विशेष स्कैनिंग करें। 

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एशियानेट सुवर्ण न्यूज़ से बात करते हुए, डॉ. प्रभु ने बताया कि हिज्बुल्ला ने फरवरी से ही अपने गुर्गों के बीच मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था और उसकी जगह पेजर का इस्तेमाल कर रहा था। उन्होंने बताया कि Gold Apollo, एक ताइवान-आधारित कंपनी, दुनिया की प्रमुख पेजर निर्माता कंपनियों में से एक है और इनके द्वारा बनाए गए लिथियम-आयन बैटरी वाले पेजर का ही इस्तेमाल इस हमले में किया गया था।

उन्होंने बताया कि इस हमले में Kiska 3 नामक एक खास तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था, जिसे चिप के जरिए बैटरी में फिट किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत को भी इसी तरह के हमलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि चीन समेत कई देशों से भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का आयात होता है। उन्होंने कहा कि दुश्मन देश पेजर ब्लास्ट जैसी तकनीक का इस्तेमाल करके भारत पर ऑनलाइन हमला कर सकते हैं। इसलिए सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों की सुरक्षा जांच कड़ी करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने भारत में आयात होने वाले हर सामान की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों को और भी घातक तरीके से अंजाम दिया जा सकता है और गृह मंत्रालय को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए।

 

पेजर क्या है? यह कैसे काम करता है?
मोबाइल और स्मार्टफोन के आने से पहले पेजर का इस्तेमाल दुनियाभर में काफी आम था। इसे पहला मोबाइल संचार उपकरण माना जाता था। यह एक छोटा, बॉक्स के आकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसका इस्तेमाल संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। पेजर रेडियो तरंगों का उपयोग करके संदेश भेजते और प्राप्त करते हैं। इन संदेशों में अक्षर और संख्याएँ दोनों हो सकती हैं। स्मार्टफोन के युग में पेजर तकनीक बहुत पुरानी हो चुकी है। अमेरिका में, इसका इस्तेमाल पहली बार 1921 में डेट्रॉइट पुलिस विभाग द्वारा किया गया था। ताजा घटनाक्रम में, यह पता चला है कि हिज्बुल्ला आतंकी इस पुरानी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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