जानिए कौन है लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ,जो विपिन रावत के बाद संभालेंगे सेना की कमान

सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने को देश का नया चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नियुक्त किया गया है।  सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को सेवानिवृत होंगे। उसके बाद नरवाने सेना की कमान संभालेंगे। 

नई दिल्ली. वर्तमान में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने को देश का नया चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नियुक्त किया गया है। मनोज मुकुंद नरवणे भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे। वहीं, चुनौतियों को लेकर उन्होंने कहा, 'इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इस पर थोड़ा सोचना होगा कि आने वाले समय में और मेरे कार्यकाल के दौरान किन चीजों पर मुझे ध्यान देना होगा।' 

इस साल संभाला था उपप्रमुख का पदभार 

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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने इसी साल सितंबर में सेना के उपप्रमुख का पदभार संभाला था। इससे पहले कहा गया था कि जब सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को सेवानिवृत होंगे तब लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने सेना प्रमुख के पद की दौड़ में होंगे। इन सब के बीच मनोज मुकुंद नरवाने के नाम पर मुहर लग गया है। जिसके बाद नरवाने सेना के नए अध्यक्ष बनेंगे। 

सेना की पूर्वी कमान संभाल चुके हैं नरवाने

सेना उपप्रमुख का पदभार संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने सेना की पूर्वी कमान की अगुवाई कर रहे थे। जो चीन के साथ लगती भारत की करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा की देखभाल करती है। उन्होंने 37 साल की अपनी सेवा के दौरान कई कमान में अपनी सेवा दी, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद निरोधक अभियानों में सक्रिय रहे और कई अहम जिम्मेदारियां संभाली है। वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की एक बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफ्रैंटी ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं। वह श्रीलंका में शांति मिशन दल का भी हिस्सा रह चुके हैं और वह म्यामांर में भारतीय दूतावास में तीन साल तक भारत के रक्षा अताशे रहे हैं। 

कई पदकों से नवाजे जा चुके है नरवाने 

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सेना अकादमी के पूर्व छात्र हैं। उन्हें जून, 1980 में सिख लाइट इंफ्रैंट्री रेजीमेंट की सातवीं बटालियन में कमीशन मिला था। सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'उनके पास सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करने लंबा अनुभव है। उन्हें जम्मू कश्मीर में अपनी बटालियन की कमान प्रभावी तरीके से संभालने को लेकर सेना पदक मिल चुका है। उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (उत्तरी) के महानिरीक्षक के तौर पर उल्लेखनीय सेवा को लेकर 'विशिष्ट सेवा पदक' तथा प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने को लेकर 'अतिविशिष्ट सेवा पदक' से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें 'परम विशिष्ट सेवा पदक' से भी सम्मानित किया गया है। 

कौन हैं मनोज मुकुंद नरवणे?

लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं। वह श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का भी हिस्सा थे और तीन साल तक म्यांमार में भी रहे। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे का कमीशन जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट की 7 वीं बटालियन में हुआ था। 

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