भाजपा का ऑपरेशन कमल? कांग्रेस का आरोप 9 विधायकों को बनाया बंधक, आधी रात रेस्क्यू करने पहुंचे दो मंत्री

कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनके 9 विधायकों को होटल में बंधक बना कर रखा है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है। वहीं, इसकी भनक लगने के बाद मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह विधायकों को वापस लेने दिल्ली रवाना हुए। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 4, 2020 2:36 AM IST / Updated: Mar 04 2020, 12:24 PM IST

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश की सियासत में मंगलावर की रात में उस वक्त भूचाल आ गया जब कांग्रेस गठबंधन के 9 विधायक मानेसर के होटल पहुंच गए। जिसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनके 9 विधायकों को होटल में बंधक बना कर रखा है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है। दरअसल, कमलनाथ सरकार को चार विधायक बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

जबकि इनमें से एक कांग्रेस विधायक हैं जो कि दिग्विजय खेमे के बताए जा रहे हैं। बता दें कि यह सारा मामला मंगलवार सुबह से ही चल रहे हा जब दिग्विजय ने बीजेपी पर आरोप लगाए थे कि उनकी पार्टी के विधायकों को बीजेपी चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले जा रही है, जबकि बीजेपी ने साफ शब्दों में कहा था कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं है और उन्होंने इसे कांग्रेस की आंतरिक कलह करार दिया था।

इन 9 विधायकों को कैद करने का आरोप 

कांग्रेस ने अपने इन 9 विधायकों को बीजेपी के कब्जे में बताया है। जिसमें अनूपपुर से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, पथरिया से बसपा विधायक रामबाई, सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाहा और सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना को फाइव स्टार होटल में रखे जाने का आरोप लगाया गया। 

जीतू पटवारी और जयवर्धन ने संभाला मोर्चा 

9 विधायकों को हरियाणा के गुरुग्राम के फाइव स्टार होटल में अपने विधायकों को रखे जाने की खबर मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया। जिसके बाद पार्टी हाईकमान ने मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को जिम्मेदारी सौंपी। जिसके बाद दोनों मंत्री अपने विधायकों को वापस लाने के लिए दिल्ली रवाना हो गए। जिसके बाद होटल पहुंचकर मंत्री जीतू पटवारी ने बसपा विधायक रामबाई को वापस लाया। 

शाम को दिल्ली चले गए शिवराज 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार की शाम दिल्ली रवाना हो गए। जिसके बाद से विधायकों को बंधक बनाए जाने के दावे को और बल मिल गया। वहीं, भूपेंद्र यादव और नरोत्तम मिश्रा पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे। कांग्रेस का आरोप है कि भूपेंद्र यादव और नरोत्तम मिश्रा विधायकों को अपने साथ लेकर कहीं और चले गए हैं। अभी तक कांग्रेस सिर्फ रामबाई को ही वापस ले आ पाई है। 

मंगलवार सुबह से ही चल रही थी सुगबुगाहट

दरअसल, दिग्विजय ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया था कि बीजेपी के पूर्व मंत्री भूपेद्र सिंह ने रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भगवा पार्टी, कांग्रेस-एसपी-बीएसपी के विधायकों को दिल्ली ले जाने की कोशिश कर रही है। रामबाई के पति गोविंद सिंह ने हालांकि यह कहा कि वह बेटी के इलाज के लिए दिल्ली गई हैं और वह कमलनाथ सरकार के साथ ही हैं। वहीं, इसके पहले कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा था कि बीजेपी विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही हैं।

मेरी सरकार को नहीं खतराः कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार सुबह दावा किया था कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है और इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने हालांकि यह जरूर कहा कि बीजेपी की तरफ से उनके नेताओं को खरीदने की कोशिश चल रही है। उन्होंने पत्रकारों से कहा था, 'विधायकों ने मुझे बताया कि उन्हें काफी धनराशि देने का प्रस्ताव मिला है। मैंने विधायकों से कहा है कि अगर मुफ्त में यह पैसा मिल रहा है तो वे इसे ले लें।'

इस पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, 'बीजेपी का इस पूरे मामले में कोई लेना देना नहीं है। वास्तव में ये सब अटकलें और आरोप कांग्रेस की आतंरिक कलह का हिस्सा हैं जो सब आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर हो रहा है।'

क्या है विधानसभा का समीकरण

230 विधानसभा सीट वाले मध्यप्रदेश विधानसभा में इस वक्त 228 विधायक हैं। दो सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। वहीं, दो विधायक बीएसपी के भी हैं जबकि समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। 

फिलहाल विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 115 का है, जबकि कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। ऐसे में कमलनाथ सरकार सुरक्षित है। गुरुग्राम आधी रात को कांग्रेस ने अपनी सक्रियता से तमाम विधायकों को होटल से निकाल कर संकट को टाल दिया है। 

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