कमलनाथ की 1 चाल से बची सरकार, अब गिराने के लिए भाजपा ने एक साथ चलीं 2 चालें

Published : Mar 16, 2020, 02:10 PM IST
कमलनाथ की 1 चाल से बची सरकार, अब गिराने के लिए भाजपा ने एक साथ चलीं 2 चालें

सार

मध्यप्रदेश में सियासी अस्थिरता बनी हुई है। विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने सदन को 26 मार्च तक स्थगित कर कमलनाथ सरकार पर मंडराने वाला खतरा कुछ समय के लिए भले ही टाल दिया हो लेकिन भाजपा इस मौके को आसानी से नहीं गंवाना चाहती।

भोपाल. मध्यप्रदेश में सियासी अस्थिरता बनी हुई है। विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने सदन को 26 मार्च तक स्थगित कर कमलनाथ सरकार पर मंडराने वाला खतरा कुछ समय के लिए भले ही टाल दिया हो लेकिन भाजपा इस मौके को आसानी से नहीं गंवाना चाहती। मध्यप्रदेश में शह और मात का खेल जारी है। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगा रही हैं। सोमवार को तीन घंटे के सियासी घटनाक्रम में दोनों पार्टियों ने एक के बाद एक कर तीन चालें चलीं।

कांग्रेस ने चली पहली चाल- विधानसभा हुई स्थगित
राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार और विधानसभा स्पीकर को आज फ्लोर टेस्ट कराने के लिए निर्देश दिए थे। लेकिन जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का जिक्र भी नहीं था। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार पहले से ही इस मूड में थे कि 16 फरवरी को फ्लोर टेस्ट ना हो, जिससे उन्हें बागी विधायकों को मनाने के लिए कुछ वक्त मिल सके। ऐसे में स्पीकर ने कोरोनावायरस का हवाला देते हुए सदन को 26 मार्च तक स्थगित कर दिया।

दूसरी चाल- भाजपा का काउंटर- सुप्रीम कोर्ट पहुंची BJP
स्पीकर के सदन को स्थगित कराने के तुरंत बाद भाजपा सुप्रीम कोर्ट पहुंची। भाजपा की मांग है कि कोर्ट विधानसभा स्पीकर को जल्द फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 26 मार्च से पहले भी फ्लोर टेस्ट हो सकता है। इस मामले में अब मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई होगी।

तीसरी चाल- राज्यपाल के पास पहुंच 106 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी
सिर्फ इतना ही नहीं भाजपा ने सदन के स्थगित होने के तुरंत बाद राजभवन का दरवाजा खटखटाया। शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने राज्यपाल लालजी टंडन के सामने परेड की। भाजपा ने 106 विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपी। एक विधायक की मां का निधन हुआ है, इसलिए वे मौजूद नहीं थे। राज्यपाल ने भरोसा दिलाया कि उचित कार्रवाई की जाएगी। आश्वस्त रहें कि कोई भी विधायकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा।

मध्यप्रदेश में क्या है स्थिति? 
मध्य प्रदेश में कुल विधानसभा सीटें- 230 
दो विधायकों को निधन के बाद यह संख्या- 228 
22 विधायकों ने इस्तीफा सौंपा, इनमें से 6 के मंजूर हुए, 16 के इस्तीफों पर अभी फैसला नहीं
अब संख्या- 222,  बहुमत के लिए चाहिए-112
भाजपा के पास- 107
कांग्रेस के पास- 99 (4- निर्दलीय, 2- बसपा, 1- सपा)

PREV

Recommended Stories

Indigo: एयरपोर्ट्स पर लगा सूटकेस का ढेर, फ्लाइट कैंसिल होने से रो पड़े यात्री
Indigo Crisis Day 6: इंडिगो की आज 650 फ्लाइट कैंसिल, जानें किस शहर से कितनी?