पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को पहली नवम्बर को मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में अरेस्ट किया गया था।
मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। बांबे हाईकोर्ट (Bombay HighCourt) ने पूर्व मंत्री देशमुख को 12 नवम्बर तक ईडी (enforcement directorate) के रिमांड पर भेज दिया है। देशमुख को पहली नवम्बर को मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में अरेस्ट किया गया था।
ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए थे
पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत(judicial custody) में भेजे गए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 नवंबर को उनकी कस्टडी खत्म होने पर विशेष PMLA (Prevention of Money Laundering Act) अदालत में पेश किया था। अब बांबे हाईकोर्ट ने ईडी की रिमांड को बढ़ा दी है। देशमुख ब्लैक मनी को व्हाइट करने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्हें 1 नवंबर की देर रात अरेस्ट किया गया था। इस मामले में उनके परिजन भी जांच के दायरे में हैं।
100 करोड़ रुपए की वसूली से जुड़ा है मामला
अनिल देखमुख के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने 21 अप्रैल को उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। ED का आरोप है कि देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और एंटीलिया केस के आरोपी निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वझे के जरिये मुंबई के विभिन्न बार-रेस्त्रां से 4.70 करोड़ रुपए की उगाही कराई थी।
देशमुख के बेटे को भी ED के सामने पेश होना है
अवैध वसूली के मामले में अनिल देशमुख के पूरे परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार यानी 5 नवंबर को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि उन्होंने ED से 7 दिन का समय मांगा है।
परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखा था लेटर
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक की जांच के बाद यह मामला सामने आया था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे (एंटीलिया केस का मुख्य आरोपी) को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था। चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा था, "गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।"
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