इस नेता ने रात में बदला पूरा खेल, फडणवीस और अजित पवार को एक साथ लाकर ऐसे बनाई सरकार

Published : Nov 23, 2019, 03:48 PM IST
इस नेता ने रात में बदला पूरा खेल, फडणवीस और अजित पवार को एक साथ लाकर ऐसे बनाई सरकार

सार

 महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली। ऐसे में लोगों के जहन में सवाल आ रहे हैं कि आखिर जिस राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए एक दिन पहले तक बैठक कर रहे थे, वहां रात में ही ऐसा क्या हुआ कि सत्ता की चाबी भाजपा के हाथ में चली गई। 

नई दिल्ली. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली। एनसीपी नेता अजित पवार डिप्टी सीएम बने। ऐसे में लोगों के जहन में सवाल आ रहे हैं कि आखिर जिस राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए एक दिन पहले तक बैठक कर रहे थे, वहां रात में ही ऐसा क्या हुआ कि सत्ता की चाबी भाजपा के हाथ में चली गई। आखिर वे कौन से नेता हैं जिन्होंने भाजपा और अजित पवार के बीच कड़ी का काम किया। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार में दो भतीजों ने सत्ता बदल कर रख दी। पहला नाम गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे और दूसरा एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने।

धनंजय मुंडे ने क्या किया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने कल रात देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। वहीं पर सरकार बनाने की पूरी रूप रेखा तय हुई। धनंजय मुंडे ने ही अजित पवार को भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए राजी किया। कहा जा रहा है कि धनंजय मुंडे ही इकलौते वे शख्स हैं जिन्हें शपथ ग्रहण के बारे में पहले से ही पता था।
 
एनसीपी विधायकों को भाजपा के साथ आने के लिए राजी किया 
सूत्रों की माने तो धनंजय मुंडे ने ही एनसीपी के कुछ विधायकों से संपर्क किया और भाजपा के साथ आने के लिए राजी किया। धनंजय मुंडे की चचेरी बहन पंकजा मुंडे फडणवीस सरकार में मंत्री रही हैं।  

शरद पवार ने कहा, एनसीपी अजित पवार के साथ नहीं
- शपथ ग्रहण के बाद शरद पवार ने कहा कि अजित पवार के भाजपा को समर्थन देने के फैसले में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। अजित पवार कुछ विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे, हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अजित का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है और अनुशासनहीनता को बताता है। हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। 
- हमें पता चला है कि 10-12 विधायक उनके पास हैं।पवार ने कहा, ''3 दलों ने सरकार बनाने का फैसला किया था। शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस ने समर्थन देने की बात कही थी। इन्हें 169 विधायकों का समर्थन मिला था। कुछ मुद्दों को लेकर हमारी बातचीत चल रही थी। हमें सुबह पता चला कि अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी के कुछ सदस्य राजभवन पहुंचे हैं। थोड़ी देर में देखने को मिला कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने शपथ ले ली। ये देखकर मैं खुद आश्चर्य में पड़ गया। कुछ विधायकों को वहां बिना बताए ले जाया गया।''

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