बैकफुट पर शिवसेना, 24 घंटे में समर्थन पत्र पेश नहीं कर सकी, अब एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता मिला

 महाराष्ट्र में दिनभर चली रस्साकसी के बावजूद सरकार बनने का रास्ता साफ होते नहीं दिख रहा है। राज्यपाल ने 3 दिन के अंदर तीसरी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता भेज दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2019 2:52 PM IST / Updated: Nov 11 2019, 09:52 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र में दिनभर चली रस्साकसी के बावजूद सरकार बनने का रास्ता साफ होते नहीं दिख रहा है। राज्यपाल ने 3 दिन के अंदर तीसरी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता भेज दिया है। शिवसेना राज्यपाल द्वारा दिए वक्त में सहयोगी पार्टी का समर्थन पत्र पेश नहीं कर सकी। हालांकि, इससे पहले आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने के लिए 2 दिन का वक्त मांगा। लेकिन राज्यपाल ने वक्त देने से इनकार कर दिया। इसके बाद राज्यपाल ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी NCP को सरकार बनाने का न्योता दिया। NCP के पास लगभग 24 घंटे का समय है, जिसके अंदर वह सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। 

राज्यपाल से मिलने पहुंचे अजीत पवार और छगन भुजबल

राज्यपाल ने NCP नेताओं को मिलने के लिए बुलाया। जिसके बाद NCP नेता अजीत पवार और छगन भुजबल ने राज्यपाल से बातचीत की। बातचीत के बाद राज्यपाल ने NCP को मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक का समय दिया है। इस समय सीमा के अंदर ही NCP सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।

राजभवन में क्या हुआ?
आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के प्रतिनिधि मंडल से राज्यपाल ने मुलाकात की। आदित्य ने और 24 घंटे का समय मांगा। मगर राज्यपाल ने देने से इनकार किया। मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य ने कहा, ''राज्यपाल ने समय नहीं दिया पर हमारा दावा अभी खारिज नहीं हुआ है।" हालांकि अभी तक गवर्नर हाउस से किसी तरह का बयान नहीं आया।

राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, शिवसेना के प्रतिनिधि मंडल ने सरकार बनाने की इच्छा जताई है। हालांकि, उनकी ओर से किसी समर्थन की चिट्ठी मिली है। शिवसेना ने 3 दिन का वक्त मांगा। लेकिन राज्यपाल ने इतना वक्त देने से इनकार कर दिया।

समर्थन पर क्या है कांग्रेस की राय? 
इससे पहले कांग्रेस में दिनभर बैठकों का दौर चला। दिल्ली में सोनिया गांधी के घर पर पदाधिकारियों और महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई। हालांकि, बैठक के बाद भी कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं कर पाई है। कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा कि महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा हुई। इसे लेकर एनसीपी के साथ भी बातचीत हुई। हालांकि, एनसीपी से अभी बात और बाकी है।

कांग्रेस के विधायक क्या चाहते हैं?
कांग्रेस के विधायक जयपुर में ठहरे हुए हैं। राज्य में 44 विधायकों में से 37 विधायक शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं।

'एनसीपी का क्या है कहना?'
एनसीपी पहले ही शिवसेना को समर्थन देने का संकेत दे चुकी है। उधर, कांग्रेस के 44 में से 37 विधायक भी शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद महाराष्ट्र में स्थिति साफ हो सकती है। एनसीपी ने भी कांग्रेस के पाले में गेंद डाल दी है। 

इससे पहले क्या हुआ? 
महाराष्ट्र में जारी सियासी गतिरोध सोमवार को दिल्ली तक पहुंच गया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे के बीच फोन पर बातचीत हुई।

एनसीपी की क्या है शर्त? 
एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन देने से पहले शर्त रखी है। एनसीपी नेता नवाब मालिक ने कहा कि अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे भाजपा से रिश्ते खत्म करने होंगे। साथ ही एनडीए से बाहर आकर केंद्रीय मंत्रिमंडल भी छोड़ना होगा। मोदी कैबिनेट में शिवसेना कोटे के मंत्री अरविंद सावंत ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने भाजपा पर शिवसेना को धोखा देने का आरोप लगाया। शिवसेना ने एनसीपी की शर्त मानते हुए सोमवार को एनडीए से बाहर आ गई।

भाजपा की क्या रणनीति रही?
महाराष्ट्र के निर्वतमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पर भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई। हालांकि, बैठक में क्या रणनीति बनी इस पर पार्टी ने कोई खुलासा नहीं किया।

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