जवानों की शहादत का बदला : महाराष्ट्र सरकार ने चीन की 3 कंपनियों के प्रोजेक्ट रोके, इतने हजार करोड़ का नुकसान

भारत और चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में जबरदस्त गुस्सा है। चीनी सामानों का बहिष्कार हो रहा है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने भी चीन को बड़ा झटका दिया है। राज्य सरकार ने केंद्र से बातचीत के बाद चीन की तीन कंपनियों के प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी हई। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 5 हजार करोड़ रुपए की है।

मुंबई. भारत और चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में जबरदस्त गुस्सा है। चीनी सामानों का बहिष्कार हो रहा है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने भी चीन को बड़ा झटका दिया है। राज्य सरकार ने केंद्र से बातचीत के बाद चीन की तीन कंपनियों के प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी हई। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 5 हजार करोड़ रुपए की है। अब केंद्र की गाइडलाइन आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। तीनों चीनी कंपनियों के नाम हेंगली इंजीनियरिंग, पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस जेवी विद फोटॉन और ग्रेट वॉल मोटर्स है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़ा है प्रोजेक्ट
राज्य सरकार ने जिन प्रोजेक्ट पर रोक लगाई है, उसमें पुमे से सटे तालेगांव में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बड़ी फैक्ट्री भी है। यह प्रोजेक्ट करीब 35 हजार करोड़ रुपए का है। कंपनी 1000 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली थी। इससे 1500 लोगों को रोजगार मिलना था। 

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हेंगली इंजीनियरिंग के साथ हुआ था करार
हेंगली इंजीनियरिंग के साथ पुणे की के तालेगांव में 250 करोड़ रुपए के निवेश करने का करार हुआ था, इससे 150 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना थी। 

ग्रेट वॉल मोटर्स ऑटोमोबाइल से भी था करार
इस कंपनी ने सबसे ज्यादा निवेश करने का करार किया था। करीब 3770 करोड़ रुपए का निवेश होना था, जिससे 2042 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने की संभावना थी। 

12 कंपनियों से 15 जून को करार हुआ था
महाराष्ट्र सरकार ने 15 जून को 12 एमओयू पर साइन किया था। लेकिन अभी तीनों चाइनीज कंपनियों के प्रोजेक्ट को होल्ड पर डाल दिया है। 9 प्रोजेक्ट पर काम जारी है। इसमें दूसरे देशों की कंपनियां शामिल हैं। 

रेलवे ने छीना चीनी कंपनी का कॉन्ट्रेक्ट
चीनी कंपनी को मिले करीब 500 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट में उत्तर प्रदेश में न्यू भूपुर-मुगलसराय खंड में 413 किलोमीटर की दो लाइनों के लिए डिजाइनिंग, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग सिग्नलिंग, दूरसंचार और संबंधित काम का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था। चीनी कंपनी 'चाइना रेलवे सिग्नल एंड कम्युनिकेशन' (सीआरएससी) कॉर्प के कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने की तैयारी की जा रही है। सीआरएससी ने 2016 में 400 किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइनों में सिग्नलिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।

चीनी उत्पादों के बहिष्कार की तैयारी
लद्दाख बॉर्डर पर चीन-भारत तनाव को देखते हुए सीएआईटी (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) ने कहा है कि चीन का रवैया देश के हितों के खिलाफ है। इसलिए मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। इसके लिए सीएआईटी ने 500 से अधिक चीनी उत्पादों की लिस्ट भी जारी की है। इस लिस्ट में खिलौने, कपड़े, रसोई के सामान, फर्नीचर, हार्डवेयर, जूते, हैंडबैग, लगेज, इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉस्मैटिक्स और गिफ्ट आइटम, घड़ियां, रत्न और आभूषण, स्टेशनरी, कागज, स्वास्थ्य उत्पाद और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं।

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