कर्नाटक व महाराष्ट्र के बार्डर पर दोनों प्रदेशों के लोगों के आमने-सामने होने के बाद स्थितियां तनावपूर्ण हो गई हैं। हालांकि, दोनों राज्यों में एक ही पार्टी बीजेपी की सरकार है। विरोध प्रदर्शन के दौरान कई ट्रकों के शीशे टूटने की खबर है।
Maharashtra Karnataka border dispute: महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच क्षेत्रीय विवाद बढ़ता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट और राजनीतिक गलियारे से होता हुए यह मामला सड़क तक पहुंच चुका है। मंगलवार को कर्नाटक में महाराष्ट्र के नंबर वाले ट्रकों को रोक दिया गया। इन ट्रकों पर कर्नाटक रक्षण वेदिके नामक संगठन ने काली स्याही लगा दी और कई ट्रकों पर पथराव भी किया गया। दरअसल, कर्नाटक के बेलगावी गांव को लेकर टकराहट बढ़ गई है। महाराष्ट्र का दावा है कि इस मराठी बहुल क्षेत्र को गलत तरीके से कर्नाटक राज्य को सौंपा गया और इसे वापस मिलना चाहिए। उधर, कर्नाटक ने भी महाराष्ट्र के कई गांवों पर अपना दावा किया है।
पथराव और तोड़फोड़ से स्थिति तनावपूर्ण
कर्नाटक व महाराष्ट्र के बार्डर पर दोनों प्रदेशों के लोगों के आमने-सामने होने के बाद स्थितियां तनावपूर्ण हो गई हैं। हालांकि, दोनों राज्यों में एक ही पार्टी बीजेपी की सरकार है। विरोध प्रदर्शन के दौरान कई ट्रकों के शीशे टूटने की खबर है। बड़ी संख्या में कन्नड़ भाषी लोगों ने राज्य का झंड़ा लेकर यातायात बाधित कर दिया। स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है।
महाराष्ट्र के मंत्रियों की बेलगावी यात्रा स्थगित
उधर, इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए महाराष्ट्र के दो मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल व शंभुराज देसाई ने बेलगावी के लिए अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा को स्थगित कर दी है। सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि महाराष्ट्र के दोनों मंत्रियों की इस यात्रा से कानून-व्यवस्था की चुनौती पैदा हो सकती है। इन दोनों मंत्रियों को महाराष्ट्र सरकार ने विवाद का हल निकालने के लिए समन्वयक नियुक्त किया है। सीमा क्षेत्र के गांवों का यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
पहले भी भाषाई विवाद यहां हो चुका
बेलगावी में लगभग एक सप्ताह भी बार्डर एरिया प विवाद सामने आया था। यह मामला तब एक कॉलेज के प्रोग्राम के दौरान हुआ था। दरअसल, कर्नाटक का झंडा लहरा रहे एक युवक पर कुछ मराठी छात्रों ने हमला बोल दिया। इसके बाद कन्नड भाषी और मराठी छात्र आपस में भिड़ गए। बेलागवी के तिलकवाड़ी में आयोजित इस कार्यक्रम में हुए इस बवाल को मेजबान कॉलेज के शिक्षकों के हस्तक्षेप और पुलिस की कार्रवाई के बाद रोका जा सका।
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